जब महादेव ने भगवान विष्णु पर चलाया त्रिशूल

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जब माता सती आग में जल गई और भगवान शिव उनको लेकर घूमने लगे। 

उसके बाद से भगवान शिव दुनिया से बिल्कुल अलग हो गए और अलग रहने लगे। 

इस घटना के बाद से सभी देवताओं में उनको जगाने का होड़ था। 

उस दौरान भगवान विष्णु की सवारी गरुड़ पृथ्वी पर सभी सांपों को मारने लगे। 

जब गरुड़ भगवान शिव के सांप पर हमला किया तो भगवान शिव उठ कर उसे रोकने गए। 

इस दौरान वो नहीं माना फिर भगवान शिव ने हमला किया। 

ये सब देखकर भगवान विष्णु ने शिव जी से बहस कर लिया और दोनों के बीच युद्ध छिड़ गई। 

महादेव ने गुस्से में त्रिशूल भगवान विष्णु के छाती पर मार दिया, लेकिन दर्द से भगवान शिव खुद रोने लगे। 

दरअसल, भगवान विष्णु के दिल में महादेव थे, जिसके कारण वो चोट उनको लगा। 

तब भगवान विष्णु ने बताया कि वो ये सब बस नाटक कर रहे थे, जिससे महादेव उठ जाएं।