लड़के-लड़कियों की डेटिंग को लेकर कोर्ट ने क्या कहा?
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने किशोर लड़के-लड़कियों के डेटिंग मामलों में लैंगिक भेदभाव पर सवाल उठाए हैं
एक रिपोर्ट के अनुसार, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि अगर कोई किशोर जोड़ा डेट पर जाता है
लड़की के माता-पिता शिकायत करते हैं तो क्या केवल नाबालिग लड़के को ही गिरफ्तार किया जाना चाहिए?
पीठ ने सरकार से यह भी पूछा कि क्या सीआरपीसी की धारा 161 के तहत बयान दर्ज करना लड़के को गिरफ्तार न करने के लिए पर्याप्त होगा
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य सरकार मामले की जांच कर सकती है और पुलिस विभाग को सामान्य निर्देश जारी कर सकती है
कोर्ट ने यह टिप्पणी वकील मनीषा भंडारी की ओर से दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए की
मनीषा भंडारी की याचिका में कहा है कि जहां लड़कियों को अक्सर सहमति से बने रिश्तों में भी पीड़ित के रूप में देखा जाता है
वहीं दूसरी ओर किशोर लड़कों को अपराधी के रूप में देखा जाता है