मटके में पानी ठंडा क्‍यों हो होता है? जानें इसके पीछे का साइंस

मटका पानी को ठंडा करने का एक पुराना जुगाड़ है, जिसका रहस्य वाष्पीकरण में छिपा है

मटके के छिद्रों से पानी रिसकर बाहर की गर्मी को सोख लेता है और अंदर के पानी को ठंडा कर देता है

बर्तन में पानी का ठंडा होना वाष्पीकरण की प्रक्रिया के कारण शुरू होता है

मटके की दीवारों पर बने छोटे-छोटे छिद्रों से रिसने वाला पानी बाहरी गर्मी को काफी हद तक कम कर देता है

यह जुगाड़ बिना बिजली के ठंडा पानी पाने का सबसे सस्ता तरीका है

मटके में रखा पानी फ्रिज के ठंडे पानी जैसा होता है, लेकिन इससे सेहत को कोई खतरा नहीं होता

इस प्रकार का पानी पीने से गले की कोशिकाओं के तापमान में अचानक गिरावट का खतरा नहीं रहता है

मटके में पानी ठंडा करने की यह प्राचीन विधि आर्थिक रूप से वंचित होने के बावजूद कई लोगों के लिए अच्छी है

फ्रिज का ज्यादा ठंडा पानी पीने से गले की कोशिकाओं का तापमान अचानक गिर जाता है और गले के खराब होने का खतरा बढ़ जाता है