India News (इंडिया न्यूज़), Azamgarh: हाईकोर्ट ने SIT की आज़मगढ़ जिले के 219 फर्जी मदरसों की शासन को सौंपी रिपोर्ट को रद्द करने से इनकार कर दिया। साथ ही रिपोर्ट पर क्रियान्वयन पर लगाई गई रोक को भी हटाने का निर्देश दिया है। जिले के 313 में 219 मदरसे केवल कागजों पर चलते मिले थे, *मदरसे तो थे लेकिन काग़ज़ पर जो निराकार स्वरूप में फ़ाइलो में ही घूम रहे थे। अदालत के फ़ैसले से फर्जी मदरसा संचालकों की मुसीबत बढ़ गई है। निदेशालय का आदेश मिलते ही जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग फर्जी मदरसा संचालकों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करायेगा।
इस पूरे मामले में हमने जब ज़िला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी से बात की तो अधिकारी का कहना है कि उनको हाईकोर्ट के फ़ैसले की खबर अख़बारों से मिली है जैसे ही उनके पास आदेश की कॉपी आएगी वो इस पर कार्यवाही करेंगी तथा सभी संबंधित फर्जी मदरसा संचालकों की थानावार सूची बनेगी और मुकदमा दर्ज कराएंगी। उधर, हाईकोर्ट का फैसला आते ही फर्जी मदरसा संचालकों में हड़कंप मच गया है। वर्ष 2009-10 में बिना भौतिक सत्यापन के कई मदरसों को मान्यता और अनुदान देने का मामला प्रकाश में आया था। 2017 में इस बात की शिकायत प्रदेश सरकार से की गई थी।
प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पूरे प्रकरण की जांच एसआइटी के जिम्मे दे दी थी। विशेष जांच दल ने इस प्रकरण में अल्पसंख्यक विभाग के तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध बताई। जिले के 313 में 219 मदरसों में केवल कागजों पर संचालित होते मिले थे। इसमें 39 को तो आधुनिकीकरण के नाम पर भुगतान हो चुका है। 30 नवंबर 2022 को एसआइटी की जांच रिपोर्ट पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति ने फर्जी मदरसा संचालकों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने की संस्तुति की थी। साथ ही तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और रजिस्ट्रार भी दोषी पाये गये थे। जिनके विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने बताया कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद निदेशालय से आदेश मिलते ही संबंधित फर्जी मदरसा संचालकों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराया जायेगा। एसआइटी की जांच में फर्जी मिले मदरसों की सूची थानावार से निकाली जायेगी। उसके बाद संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज कराया जायेगा।
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