India News (इंडिया न्यूज़),Atal Bihari Vajpayee: आज अटल बिहारी वाजपेयी की 5वीं पुण्यतिथि हैं। उन्होंने ने उत्तराखंड को अलग राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने भारतीय राजनीति में उत्तराखंड के विभाजन की मांग की और इसके लिए प्रयास किए। 2000 में उत्तराखंड और झारखंड को अलग राज्यों में विभाजित किया गया, जिससे उत्तराखंड अलग राज्य बन सका। इससे पूर्व, उत्तराखंड उत्तर प्रदेश का हिस्सा था।
वाजपेयी जी की नेतृत्व में भाजपा सरकार ने उत्तराखंड के अलग राज्य बनाने के प्रयासों को समर्थन दिया और उसके लिए सरकारी स्तर पर समर्थन और अनुशासन प्रदान किया। उनका यह प्रयास महत्वपूर्ण था क्योंकि यह उत्तराखंड की विकास और प्रशासनिक प्रभागीकरण को प्रोत्साहित करता है। इससे राज्य की जनसंख्या, संचार, विकास, और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार हो सकता है।
वाजपेयी जी ने उत्तराखंड के अलग राज्य बनाने में सामर्थ्यपूर्ण समर्थन प्रदान किया। जिससे स्थानीय लोगों की मांगों को मिला समर्थन और विश्वास मजबूत हुआ। उनका प्रयास सिर्फ राज्य के विभाजन के साथ ही नहीं, बल्कि राज्य के विकास और प्रगति के प्रति भी था। उनके योगदान से उत्तराखंड अपने विशिष्ट पहचान को प्राप्त कर सका और उसके विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा सका।
उत्तराखंड के अलग राज्य बनाने में वाजपेयी जी का संघर्ष और प्रयास महत्वपूर्ण था, क्योंकि यह एक लंबी प्रक्रिया थी और इसमें राजनीतिक, सामाजिक और प्रशासनिक संकेतों को समझना और पार करना आवश्यक था। उन्होंने उत्तराखंड के विभाजन की मांग को सुनकर उसके लाभों और संघर्षों को समझा और सरकारी स्तर पर इसे लागू करने के प्रयास किए। उनका योगदान उत्तराखंड के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण पलने वाली घटना रही, जिसने राज्य के विकास और सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने का मार्ग प्रशस्त किया।
उनका प्रयास उत्तराखंड की असमान विकास और सामाजिक आर्थिक समस्याओं को समझने में मददगार साबित हुआ। वाजपेयी जी ने इस मामले में नेतृत्व दिखाया और सरकारी स्तर पर समर्थन प्रदान करके उत्तराखंड को एक अलग पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका योगदान समाज में उत्तराखंड के विकास के प्रति उत्साह पैदा करने में मददगार साबित हुआ और राज्य के गणराज्य स्थापना के प्रयासों का हिस्सा बना।
अटल बिहारी वाजपेयी, का जन्म 25 दिसम्बर 1924 को हुआ था, भारतीय राजनीति के प्रमुख चेहरों में से एक थे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा) के सदस्य के रूप में अपने जीवन का बड़ा हिस्सा दीया और उन्होंने भारतीय राजनीति को गहरे प्रभावित किया।
वाजपेयी जी का राजनीति में प्रवेश 1942 में हुआ था, जब वह गणगा बचाओ आंदोलन में भाग लिया था। उन्होंने भारतीय जन संघ (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) में भी अपनी सेवाएँ दी। वाजपेयी जी ने भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में कई महत्वपूर्ण पद भी संभाले, जैसे कि विधायिका सदस्य, लोक सभा सदस्य, राज्य सभा सदस्य और केंद्रीय मंत्री।
उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में तीन बार कार्यभार संभाला – पहली बार 1996 में, दूसरी बार 1998 में और तीसरी बार 1999 में। उनके प्रधानमंत्री बनने के दौरान ही करारी न्यूक्लियर परिक्षणों का आयोजन किया गया था, जिससे भारत एक प्रमुख न्यूक्लियर राष्ट्र बना। वाजपेयी जी का निधन 16 अगस्त 2018 को हुआ था, लेकिन उनकी सोच और योगदान आज भी हम सबके दिलों में है। उन्होंने भारतीय राजनीति को एक स्थायी दिशा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
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