India News (इंडिया न्यूज), rashid hashmi, Pakistan news: अस्तित्व के लगभग 8 दशक, पाकिस्तान ने बस अपना पार्थिव शरीर ख़ुद से ढोया है। 1947 में भारत से अलग होकर पाकिस्तान बना। 11 साल ही तो गुज़रे थे। 1958 में जनरल अयूब खान ने तख्तापलट कर सत्ता हथिया ली। तब से लेकर आज तक ‘जिन्नालैंड’ का सिर्फ जनाज़ा ही निकला है। ताज़ा ख़बर ये है कि एक पाकिस्तानी यूनिवर्सिटी में MMS का गंदा खेल चल रहा है।
छात्राओं के 5500 अश्लील वीडियो लीक हुए, पाकिस्तान की एक बार फिर इंटरनेशनल बेइज़्ज़ती हुई। जिन्नालैंड में यूनिवर्सिटी का सुरक्षा अधिकारी अच्छे मार्क्स दिलाने का लालच देकर छात्राओं से न्यूड वीडियो बनवाता था। हद तो तब हुई जब दुनिया को पता चला कि यूनिवर्सिटी के 113 स्टूडेंट ड्रग एडिक्ट हैं। पुलिस को पता चला है कि यूनिवर्सिटी का एक प्रोफेसर इन्हें ड्रग्स बेचता था। पाकिस्तान वो मुल्क जहां अब तक तीन बार (1958-1971, 1977-1988, 1999-2008) सैन्य शासन लग चुका है।
जिन्ना का मुल्क जहां एक किलो आटे की कीमत 160 रुपए है। ‘नर्किस्तान’ जहां खुदरा बाज़ार में चीनी की क़ीमत भी 160 रुपए प्रति किलोग्राम तक की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है। पाकिस्तान में दिवालिया हो चुके श्रीलंका से ज्यादा महंगाई है। शहबाज़ शरीफ़ के देश में रुपया 2023 में अब तक ग्लोबल स्तर पर सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली करेंसीज में से एक है। ये डॉलर के मुकाबले 20% गिरा है। इससे पाकिस्तान में आयात किए जाने वाले सामान के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है। तंगहाल, बदहाल, फटेहाल पाकिस्तान में दर्द की रात है जिसकी सुबह कभी नहीं आती।
पाकिस्तानी यूनिवर्सिटी के सेक्स स्कैंडल से मैं सकते और सदमें में हूं। छात्राओं के 5500 अश्लील वीडियो सामने आए हैं। इस्लामिया यूनिवर्सिटी, बहावलपुर ड्रग्स और यौन शोषण का अड्डा है। गंदा खेल कई सालों से चल रहा था। एक वीडियो में कार की डिक्की से एक लड़की निकलकर एक घर में जाती नजर आ रही है। लड़की को एक शख्स लेकर आता है और वीडियो बना लेता है। लड़कियों को पहले ड्रग्स का आदी बनाया गया, फिर अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया गया। आरोपियों के मोबाइल से मिले अश्लील वीडियो से साबित होता है कि ये गंदा खेल कई सालों से चल रहा था। स्कैंडल का मुख्य आरोपी है एजाज़ हुसैन, जो पाकिस्तानी आर्मी का रिटायर्ड मेजर है और फ़िलहाल कॉलेज के सिक्योरिटी ऑफिसर के पद पर तैनात है।
पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना से लेकर लियाक़त अली ख़ान, इसकंदर मिर्ज़ा, जनरल अयूब ख़ान, जनरल याहया ख़ान, जुल्फिकार अली भुट्टो, जनरल ज़िया-उल हक़, बेनज़ीर भुट्टो, ग़ुलाम इशाक़ ख़ान, फारूक़ लेघारी, नवाज़ शरीफ़, जनरल परवेज़ मुशर्रफ़, आसिफ़ अली ज़रदारी, इमरान ख़ान, शहबाज़ शरीफ़- राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्ष के नाम बदलते रहे। अगर कुछ नहीं बदला तो वो है पाकिस्तान की तस्वीर, तक़दीर और तासीर। जिन्नालैंड का जनाज़ा निकला है, कंधा देने वाला कोई नहीं। हाथ में कटोरा लिए ख़ैरात को तरसते पाकिस्तान ने अपनी बेटियों की इज़्ज़त भी नीलाम कर दी। पाकिस्तान हम शर्मिंदा हैं, इज़्ज़त के क़ातिल ज़िंदा हैं।