India News (इंडिया न्यूज़), Gonda News : सरकारी स्कूल में मजहबी छुट्टी को लेकर एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिसमें समुदाय विशेष के एक व्यक्ति ने शुक्रवार के दिन सरकारी स्कूल में जबरन उस समुदाय के बच्चों को छुट्टी दिए जाने के लिए हंगामा किया। इसी दिन उस ग्राम पंचायत में डीएम की चौपाल लगने के बाद मामला सुर्खियों में रहा। जानते हैं, क्या है पूरा मामला?
एक ग्राम पंचायत के कमपोजिट विद्यालय में एक समुदाय विशेष के 50 प्रतिशत से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। अभी तक विद्यालय सुचारू रूप से चल रहा था। बीते करीब दो माह से गांव के ही समुदाय विशेष के एक अभिभावक ने शुक्रवार के दिन बच्चों को नमाज पढ़ने के लिए छुट्टी दिए जाने की पेशकश की। आरोप तो यहां तक है कि इसके लिए उसने हंगामा भी किया। मामला डीएम के चौपाल में भी पहुंचा है।
यूपी के गोंडा जिले के देहात कोतवाली क्षेत्र के करनपुर गांव से पूरा मामला जुड़ा है। यहां बेसिक शिक्षा विभाग के कमपोजिट विद्यालय में समुदाय विशेष के छात्रों की संख्या अधिक है। आरोप है कि गांव के रिजवान नाम के व्यक्ति ने विद्यालय के प्रधान अध्यापक पर इस बात के लिए दबाव बनाया कि शुक्रवार के दिन नमाज पढ़ने के लिए बच्चों को छुट्टी दे दी जाए। जब विद्यालय में तैनात अध्यापिका ने नियम का हवाला देते हुए छुट्टी से इनकार किया तो उसने हंगामा किया।
बीते 11 अगस्त को इस ग्राम पंचायत में डीएम का चौपाल लग गया। उस दिन शुक्रवार पड़ रहा था। डीएम के चौपाल को लेकर कहा जाता है कि ग्राम प्रधान अंकित सिंह ने अध्यापक से कहा कि आज कोई भी अधिकारी विद्यालय का निरीक्षण कर सकता है। ऐसे में अगर बच्चों को छुट्टी दे दी जाती है। तो उपस्थिति बहुत कम होगी। फिर अधिकारियों के सामने इसका क्या जवाब दिया जाएगा। इस बात की भनक रिजवान को लग गई। रिजवान ने विद्यालय पहुंचकर फिर हंगामा किया। मामले में ग्राम प्रधान से मारपीट तक हुई। मारपीट के बाद मामला पुलिस में पहुंचा पुलिस ने दोनों पक्षों का एफआईआर दर्ज कर लिया।
11 अगस्त को किसी कारण बस डीएम की चौपाल कैंसिल हो गई। फिर 18 अगस्त को यानी शुक्रवार को जब डीएम की चौपाल लगी। तो दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए। रिजवान का कहना था कि अध्यापक मेरे बच्चों को पढ़ा नहीं रही हैं। मामले में जब दोनों पक्ष पेश हुए तो अध्यापक ने सही-सही बात बता दिया।
जिस पर डीएम ने कहा कि सरकारी तौर पर शुक्रवार के दिन कोई छुट्टी का प्रावधान नहीं है। यह बहुत ही गलत है। यह दोबारा ऐसा मामला पाया गया तो इसमें कार्रवाई की जाएगी। दोनों पक्षों को समझा कर डीएम ने मामला शांत करा दिया। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका उषा सिंह भी इस बात को दबी जुबान से स्वीकार करते हुए कहती हैं कि अपने बच्चों को ले जाने के साथ अन्य बच्चों को भी रिजवान भड़काता है। जिससे अब अधिकांश बच्चे इस दिन चले जाते हैं।
प्रभारी निरीक्षक नगर कोतवाली ने बताया कि इस मामले में मारपीट का एक मामला दोनों पक्षों की तरफ से एक पखवारा पूर्व दर्ज किया गया था। जबरन छुट्टी का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा है तो संबंधित के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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