India News (इंडिया न्यूज़), Diwali 2023: दिवाली का त्योहार नजदीक आ गया है। वहीं त्योहार को कुछ ही दिन बचे है ऐसे में सभी बाजार जगमगाने लगे हैं। वहीं लोगों भी दिवाली की खशियां मनाने की तैयारी भी कर चुके है। जिसमें घरों को सजाने से लेकर, कपड़ों और आभूषणों की खरीदारी जोरों से शुरु हो चुकी है। दिवाली के त्यौहार को हिंदू धर्म में धार्मिक, सामाजिक और वैज्ञानिक महत्व के साथ बहुत महत्व माना चाता है।
क्य है दिवाली का इतिहास?
(Diwali 2023)
पौराणिक कथाओं के अनुसार माना जाता है कि इसी दिन भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे थे। उनकी वापसी की खुशी में अयोध्यावासियों ने दीपक जलाकर राम और सीता का स्वागत किया था। पद्म पुराण और स्कंद पुराण में भी इस त्योहार का उल्लेख है। वैज्ञानिक रूप से, यह हिंदू कैलेंडर के कार्तिक महीने में सूर्य की स्थिति में बदलाव से संबंधित है, जिससे दिन छोटे और रातें लंबी होती हैं।
दिवाली तिथि
पंचांग के अनुसार दिवाली का त्योहार 10 नवंबर 2023 को धनतेरस से शुरू हुआ और फिर आज यानी 12 नवंबर 2023 को दिवाली मनाई जाएगी।
दिवाली 2023 त्यौहार के दिन
- धनतेरस: 10 नवंबर 2023, शुक्रवार
- छोटी दिवाली: 11 नवंबर 2023, शनिवार
- दिवाली: 12 नवंबर 2023, रविवार
- गोवर्धन पूजा: 13 नवंबर 2023, सोमवार
- भाई दूज: 14 नवंबर 2023, मंगलवार
दिवाली पूजा मुहूर्त
- धनतेरस: शाम 05:47 बजे से शाम 07:43 बजे तक
- छोटी दिवाली: शाम 05:39 बजे से रात 8:16 बजे तक
- दिवाली: शाम 05:39 बजे से शाम 07:35 बजे तक
- गोवर्धन पूजा: सुबह 6:14 बजे से 8:35 बजे तक
- भाई दूज: दोपहर 1:10 बजे से दोपहर 3:22 बजे तक
दिवाली पर क्या करें अनुष्ठान
- दिवाली पूजा के लिए देवी लक्ष्मी के लिए एक चौकी रखें।
- इसे लाल कपड़े से सजाएं।
- फिर चौकी पर थोड़े से चावल रखें।
- इसके बाद एक कलश स्थापित करें और उसे चौकी पर रखें।
- आप चावल के बीच धातु या चांदी का कलश भी रख सकते हैं।
- कलश में जल भरें और उसमें फूल, चावल के दाने, एक धातु का सिक्का और एक सुपारी डालें।
- कलश के मुख को आम के पांच पत्तों से ढक दें।
- फिर चौकी पर भगवान लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति रखें।
- मूर्तियों को दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना शुभ माना जाता है।
- इसके बाद पूजा शुरू की जा सकती है।
- देवताओं को फल, मिठाइयाँ और अन्य वस्तुएँ चढ़ाएँ।
- पूजा के दौरान आप नोट या सिक्के भी रख सकते हैं।
दिवाली चौघड़िया पूजा मुहूर्त
- दोपहर का मुहूर्त (शुभ): 01:26 से 02:47 तक
- सायंकाल मुहूर्त (शुभ, अमृत, चल): 05:29 से 10:26 तक
- रात्रि मुहूर्त (लाभ): 01:44 से 03:23 तक
- उषाकाल मुहूर्त (शुभ): 05:02 से 06:41 तक
- दिवाली पारिवारिक समारोहों, स्वादिष्ट भोजन और धन और समृद्धि की देवी, देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए दीपक जलाने का समय है।
- यह आनंद, एकजुटता और नवीनीकरण की भावना का समय है। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं!
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