India News(इंडिया न्यूज़), Ramlala Pran Pratishtha : राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में वादी रहे इकबाल अंसारी अब निर्माणाधीन राम मंदिर को लेकर भी काफी खुश जाहिर की है। उन्होंने मथुरा और काशी को लेकर भी अपने विचार व्यक्त किये हैं।
इकबाल अंसारी ने कहा कि मामला जहां का भी हो, वहीं की जनता सुलझा लेगी। हम अयोध्या से हैं। अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट ने जो भी फैसला दिया, हमने उसका सम्मान किया। देश के मुसलमान उनका सम्मान करते थे। उन्होंने कहा कि अभी तक मेरे अभिषेक समारोह में जाने या न जाने को लेकर किसी तरह की कोई रोक नहीं है। मुझ पर कोई फतवा नहीं थोपा गया। न ही किसी ने हमें मना किया।
उन्होंने कहा कि अयोध्या का समाज हिंदू मुसलमानों का समाज है। लोगों में एक-दूसरे के प्रति स्नेह है। हर धार्मिक कार्यक्रम में लोगों का आना-जाना लगा रहता है। हमारे यहां भी जब कव्वाली होती है तो हिंदू-मुसलमान एक साथ बैठते हैं। जाना आना। यहां कोई भेदभाव नहीं है। इकबाल अंसारी बाबरी मस्जिद के प्रमुख समर्थकों में से एक रहे हैं। इससे पहले उनके पिता हाशिम अंसारी ने बाबरी मस्जिद का केस कोर्ट में लड़ा था और वह इस केस में मुख्य पक्षकार बनकर सामने आये थे।
हाशिम अंसारी बाबरी मस्जिद-जन्मभूमि मामले में सबसे उम्रदराज वादी थे। फैसला सुनाए जाने से पहले ही हाशिम अंसारी की मौत हो गई। इसके बाद इकबाल अंसारी मुख्य पक्षकार बने। फिर उनके बेटे इकबाल अंसारी ने केस की कमान संभाली और वह कोर्ट में केस लड़ते रहे। आपको बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह में इकबाल अंसारी को भी आमंत्रित किया गया है।
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