India News (इंडिया न्यूज), Gyanvapi Case: आज ज्ञानवापी (Gyanvapi) के एक तहखाने में इबादत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। बिते दिन बुधवार को वाराणसी कोर्ट ने पूजा करने की इजाजत दे दी थी। जिसके बाद विवाद बढ़ गया। वाराणसी कोर्ट के फैसले के खिलाफ ज्ञानवापी मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
अब आप आराम से वाराणसी ज्ञानवापी की पूजा कर सकेंगे, जिसके लिए किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी। वारमसी की जिला अदालत ने प्रशासन को एक सप्ताह यानी 7 दिनों तक बीचर पूजा की सभी तैयारियां पूरी करने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने रात करीब 12।30 बजे तक सुरक्षा कड़ी कर दी है और करीब 2 बजे व्यास जी के तहखाने में पूजा शुरू हो गई है, जिसके बाद लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। ,
इतना ही नहीं भगवान शिव समेत आठ देवताओं की पूजा का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवासी ने रात करीब 12 बजे सबसे पहले बेसमेंट को पंचगव्य से साफ किया। इसके बाद षोडशोपचार पूजा की जाती है। मूर्तियों को गंगा जल और पंचगव्य से स्नान कराया गया है। फिर देवता महागणपति का आह्वान किया गया। फिर सभी मूर्तियों पर चंदन, फूल, अक्षत, अगरबत्ती अर्पित की गई और आरती की गई। इसके बाद व्यास जी के तलघर में करीब आधे घंटे तक पूजा-अर्चना की गई। लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने ये फैसला सुनाया।
व्यास तहखाने में भगवान विष्णु की एक मूर्ति, भगवान गणेश की एक मूर्ति, हनुमान की दो मूर्तियाँ, जोशीमठ की दो मूर्तियाँ, राम नाम की एक शिला, एक मकर अखण्ड ज्योति रखी हुई है, जो व्यास परिवार को अर्पित की जाती है। पूजा के लिए देर रात हो गया। वाराणसी जिला प्रशासन ने रात में ही पूजा कराने की पूरी तैयारी कर ली थी।
ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने में नियमित पूजा की अनुमति मिलने के बाद देर रात बैरिकेडिंग के बीच से रास्ता बना दिया गया और व्यास जी के तहखाने को खोल दिया गया। इसके लिए डीएम एस। राजलिंगम और पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन समेत वरिष्ठ अधिकारी रात भर डटे रहे। दोपहर 1 . 50 बजे परिसर से बाहर निकले डीएम ने कहा कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन कर दिया गया है। पूजा के दौरान ज्ञानवापी में राम नाम का पत्थर रखा गया।
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