India News (इंडिया न्यूज़), Amanmani Tripathi: सुप्रीम कोर्ट से पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुबनी त्रिपाठी को रिहाई के आदेश के बाद एक बार फिर इस मामले में सवाल खड़े होने लगे हैं। बता दें निधि शुक्ला ने अपनी बहन की हत्या होने के बाद से लगातार अपनी बहन के इंसाफ को लेकर तरह-तरह के प्रयास किए हैं।
निधि ने सुप्रीम कोर्ट में 20 साल तक यह लड़ाई जारी रखी
अमरमणि और उनकी पत्नी को सजा दिलाने के लिए निधि ने सुप्रीम कोर्ट में 20 साल तक यह लड़ाई जारी रखी। अमरमणि की रिहाई के आदेश के बाद उन्होंने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को दोनों की रिहाई के बाद उन्होंने अपनी याचिका कोर्ट में दायर की है। जिसमें उन्होंने कहा की रिहाई का आदेश 24 अगस्त की देर रात जल्दबाजी में जारी किया गया है। जबकि उन्होंने रिहाई पर विचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
सजा पूरी होने से पहले जल्दी रिहाई कैसे दी जा सकती
बता दें कि इस याचिका में कल सुनवाई होनी थी। तो वहीं दिवंगत मधुमिता मामले में उनकी बहन निधि कहती है कि उनके अच्छे आचरण के कारण उन्हें जेल की सजा पूरी होने से पहले जल्दी रिहाई कैसे दी जा सकती है। जबकि उन्होंने कभी भी बिना किसी वास्तविक बीमारी के गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती रहते हुए जेल की सजा का एक बड़ा समय बताया है। उनकी बहन आरोप लगाते हुए कहती हैं कि अमरमणि और मधुबनी ने समय पूर्व रिहाई पाने के लिए अधिकारियों को भी गुमराह किया है।
उन्हें सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही थी
निधि को एक आरटीआई जवाब में बताया गया की अमरमणि और मधुबनी 2012 से 2023 तक लगातार बीआरडी कॉलेज मेडिकल के एक वार्ड में भर्ती थे। वहीं उन्हें सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही थी। बता दें की अस्पताल के एक कमरे में समय बीतने पर कैसे इसे जेल की सजा माना जा सकता है? निधि ने ऐसे गंभीर आरोप लगाते हुए याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा कि उन्हें कोई भी ऐसी गंभीर बीमारी भी नहीं थी। मैंने अमरमणि द्वारा पेश किए गए झूठे तथ्यों को उजागर करने के लिए राज्यपाल, मुख्यमंत्री और आलाधिकारियों को ई-मेल और फोन के जरिए जानकारी भी दी थी।