India News (इंडिया न्यूज़), Madhuri Kunj Mandir : रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के कुछ ही घंटों के भीतर रामलला टेंट से बाहर आकर महल में विराजमान हो जाएंगे। समारोह को भव्य बनाने की तैयारी पूरी हो चुकी है और 22 जनवरी को राम की नगरी में भक्तों की भीड़ जुटेगी है। इस प्रतिष्ठा समारोह के साक्षी देश-विदेश के रामभक्त बनेंगे और लोगों में अयोध्या के धार्मिक महत्व को जानने की उत्सुकता बनी हुई है। अयोध्या भगवान राम की जन्मस्थली होने के साथ-साथ माता जानकी के लिए भी खास है।
अयोध्या में एक खास जगह है जहां माता सीता की अष्टयाम सेवा की जाती है। नजरबाग इलाके में स्थित माधुरी कुंज मंदिर में माता सीता की सखियों की पूजा की जाती है, जो भगवान श्री राम के विवाह के समय माधुरी कुंज आई थीं। पुजारी इस पारंपरिक सेवा को निभाते हैं और मंदिर में भगवान श्री राम और सीता जी के साथ आठ सखियाँ भी मौजूद रहती हैं, जिनकी पूजा की जाती है।
मंदिर के महंत राज बहादुर बता रहे हैं कि माता सीता की अष्टयाम सेवा के दौरान जब उनकी सखियां मौजूद नहीं होती हैं तो महंत को सखी बनकर आना पड़ता है। इसके बाद महंत की सेवा के प्रति उनकी श्रद्धा प्रकट होती है।
सभी आठ सखियाँ सुबह से ही मंदिर में पूजा के लिए आती हैं, जो समर्पण की भावना को दर्शाता है। इस अनूठे समारोह में आठों सखियाँ ठाकुर जी की सेवा में लगी रहती हैं, जिससे हर्षोल्लास और उत्साह का माहौल बना रहता है।
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