India News UP (इंडिया न्यूज़),Ayodhya News: खबर अयोध्या से रामनगरी अयोध्या में यूं तो रामनवमी का त्योहार बहुत ही हर्षोल्लास से मनाया जाता रहा है। राम से आस्था रखने वाले सभी राम भक्त अपने आराध्य भगवान श्री राम का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाते रहे हैं लेकिन इस बार का भगवान श्री राम का जन्मोत्सव दिव्या भव्य व अलौकिक होने वाला है। इसकी वजह है यह है कि पहले जब रामलला का जन्मोत्सव मनाया जाता था।
तब रामलला टेंट फिर एक अस्थाई मंदिर में थे लेकिन इस बार रामलला एक भव्य मंदिर के दिव्य सिंहासन पर विराजित हैं। रामलाल के भव्य मंदिर में सुशोभित होने की खुशी राम से आस्था रखने वाले हर एक प्राणी में है। इस बार की रामनवमी इस वजह से भी खास हो जा रही है कि इस बार मंदिर के गर्भ ग्रह में विराजित रामलला को आशीर्वाद देने के लिए दोपहर के ठीक 12 बजे भगवान सूर्य देव स्वयं गर्भ ग्रह में पधारेंगे और अपनी करने से रामलाल के ललाट पर तिलक करेंगे।
भगवान श्री राम के जन्मोत्सव को भव्य व दिव्य बनाने के लिए राम जन्मभूमि परिसर में अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैश मशीनों को इंस्टॉल किया जा रहा है। इन मशीनों के जरिये वैज्ञानिक सूर्य की किरणों से रामलला के मस्तक पर अभिषेक करने की तैयारी में है, तकरीबन 4 मिनट तक प्रभु श्री राम के मस्तक पर सूर्य की किरणें राम लला के माथे पर तिलक के रुप में विराजमान रहेंगी। वैज्ञानिको के एक विशेष दल ने सूर्य तिलक के टेस्टिंग की प्रक्रिया को भी शुरू कर दिया है। चैत्र राम नवमी के दिन दोपहर 12:00 बजे जब भगवान श्री राम का जन्म होगा। तब इन उपकरणों के माध्यम से सूर्य की किरणें भगवान श्री राम के मस्तक पर तिलक के रूप में करीब चार मिनट तक सुशोभित होगी।
सूर्य तिलक कराए जाने वाली तकनीक पर काम करने के लिए रुड़की के वैज्ञानिक राम मंदिर पहुंच चुके हैं। मिरर , मिरर लेंस और पीतल की सहायता से इन उपकरणों को राम मंदिर में स्थापित किया जा रहा है। राममंदिर के तीसरे तल पर स्थित दर्पण और लेंस के माध्यम से सूर्य की रोशनी गर्भ ग्रह तक लाई जाएगी जिसे दर्पण के माध्यम से रामलाल के ललाट पर लगभग 75 मिमी का गोलाकार तिलक से रामलाल के मुख मंडल की आभा प्रकाशमान होगी।
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य गोपाल राव बताते हैं की आने वाली 17 तारीख को रामनवमी है। जिस दिन भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। उसे दिन रामलाल के मस्तक पर सूर्य की किरणें सीधी पहुंचे और तिलक के रूप में सुशोभित हूं इसकी तैयारी वैज्ञानिकों की टीम कर रही है टेस्टिंग की प्रक्रिया भी लगभग पूर्ण हो चुकी है। हमें पूरा विश्वास है कि 17 तारीख रामनवमी के दिन भगवान श्री राम के माथे पर सूर्य का तिलक लगेगा गोपाल राव ने यह भी बताया की दो से ढाई मिनट तक बिल्कुल स्पष्ट तो वही 4 से 5 मिनट तक कुछ धुंधले रूप में सूर्य की किरणें भगवान के माथे पर तिलक के रूप में नजर आएंगी। इस खूबसूरत क्षण को राम से आस्था रखने वाले सभी भक्त अपने घरों में भी टेलीविजन के माध्यम से देख सकते हैं जिसकी तैयारी भी दूरदर्शन ने कर रखी है।
मंदिर की साजों सजा के विषय में बताते हुए गोपाल राव ने कहा की रामलाल का मंदिर पहले भी रामनवमी के समय खूब अच्छे से सजाया जाता रहा है लेकिन इस बार रामलाल भाव राजमहल में विराजित है तो जाहिर सी बात है कि इस बार के साथ सजा और भी दिव्या होगी तमाम सुगंधित फूलों से मंदिर को सजाया जाएगा खूबसूरत लाइटिंग की व्यवस्था की जाएगी
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मिश्रा ने बताया की, रामनवमी के दिन दोपहर में लगभग 12:00 रामलाल के ललाट पर सूर्य तिलक हो इसकी तैयारी चल रही हैं जिसको लगभग 100 एलईडी स्क्रीन के माध्यम से इस अद्भुत सहयोग को राम भक्तों को दिखाई भी जाएगा जिस पर काम अभी चल रहा है।
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