India News (इंडिया न्यूज़), Ayodhya : रामसेतु के निर्माण में श्रमदान करने वाली उस गिलहरी को रामनगरी में अब सम्मान मिला। अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन पर रामकाज में परिश्रम करने वाली नन्हीं गिलहरी की भव्य प्रतिमा को स्थापित किया गया है।
वर्तमान पीढ़ी को गिलहरी के योगदान से अवगत कराने के लिए अयोध्या धाम जंक्शन के नवनिर्मित भवन के प्रांगण में उसकी 15 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है। इसका निर्माण मौसम प्रतिरोधी कार्टन स्टील से किया गया है।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा ने कहा कि उस गिलहरी की तरह भारतीय रेलवे भी राष्ट्र निर्माण और अयोध्या के भक्तों और यात्रियों के लिए योगदान देने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इसलिए हमने गिलहरी की मूर्ति चुनी। यह रेलवे की प्रतिबद्धता और समर्पण का संदेश देता है।
वाल्मिकी रामायण के अनुसार, लंका तक पहुंचने के लिए राम सेतु का निर्माण करने के लिए बंदरों का एक समूह समुद्र में बड़े-बड़े पत्थर और लकड़ी के बड़े-बड़े लट्ठे फेंक रहा था। ऐसे समय में एक छोटी सी गिलहरी छोटे-छोटे कंकड़ इकट्ठा करके समुद्र में गिरा रही थी। गिलहरी पुल के निर्माण में योगदान दे रही थी।
गिलहरी की निष्ठा और भक्ति से प्रसन्न होकर, श्री राम ने उसे अपने हाथ में उठाया और प्यार से उसकी पीठ को सहलाया, जिससे उस पर तीन रेखाएं बन गईं। ऐसा माना जाता है कि ये तीन रेखाएं गिलहरी को मिले भगवान राम के स्नेह और आशीर्वाद का प्रतीक हैं।
गौरतलब है कि रामनगरी में भगवान राम के सहयोगियों का भी सम्मान किया जा रहा है। माता सीता को रावण के चंगुल से बचाने में अपनी जान गंवाने वाले गीधराज जटायु रामजन्मभूमि परिसर में मौजूद हैं। रामनगरी में बने छह प्रवेश द्वारों में से तीन उनके परम भक्त और सहयोगी हनुमान, गरुड़ और जटायु के नाम पर हैं।
Also Read:-