India News(इंडिया न्यूज़),Aligarh Muslim University: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय मामले में सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने बड़ा बयान दिया। केंद्र सरकार ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक दर्जा देने का विरोध किया है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में लिखित दलीलें दायर की हैं और UPA सरकार के विपरीत रुख पेश किया है। केंद्र सरकार ने कहा कि अल्पसंख्यक का टैग न दिया जाए क्योंकि AMU का राष्यट्रीय चरित्र है। AMU किसी विशेष धर्म का विश्वविद्यालय नहीं हो सकता है, क्योंकि ये हमेशा ही राष्ट्रीय महत्व का विश्वविद्यालय रहा है।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से बोला कि अपने “राष्ट्रीय चरित्र” को देखते हुए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अल्पसंख्यक संस्थान नहीं हो सकता है और ये किसी विशेष धर्म का संस्थान नहीं हो सकता है। केंद्र सरकार की ओर से भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा ये दलील सुप्रीम कोर्ट की 7 न्यायाधीशों की संविधान पीठ के सामने दी गई है, जिसने अल्पसंख्यक दर्जे के लिए AMU की याचिका पर सुनवाई शुरू की।
केंद्र की दलील UPA सरकार के जरीए अपनाए गए रुख से भिन्न है, जिसने साल 2005 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करी थी। हाइकोर्ट ने अपने फैसले में सुनाया कि AMU एक अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है और तत्कालीन UPA सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती मिली थी। हालांकि 2016 में NDA सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि वे UPA सरकार के जरीए दायर की गई अपील को वापस ले रही है।
ALSO READ:
Uttarakhand Accident: ऋषिकेश में दर्दनाक सड़क हादसा! रेंजर सहित चार वन कर्मियों की मौके पर मौत
Agra News: नोटों से भरा SBI ATM को उखाड़ ले गए चोर! मामले की जांच में जुटी पुलिस