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Ghaziabad News: 10 रुपये से बदल 1.10 लाख का बना स्टांप, विभाग ने पकड़ा प्रदेश भर फर्जीवाड़ा

• LAST UPDATED : October 21, 2023
India News ( इंडिया न्यूज), Ghaziabad News: गाजियाबाद की एक प्रापर्टी की रजिस्ट्री में एक लाख दस हजार पांच सौ रुपये का ई-स्टांप लगाया गया। संदेह होने पर विभाग ने इसकी जांच की तो स्टांप की हैसियत महज 10 रुपये निकली।केवल दस रुपये के ई-स्टांप को बेहद सफाई से छेड़छाड़ कर एक लाख दस हजार पांच सौ रुपये (1,10,500) का बना दिया गया।
संदेह होने पर छानबीन कराई तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे प्रदेश में करीब 1.25 लाख रजिस्ट्री की जांच एसआईटी से कराई जा रही है। पूरे नेटवर्क का खुलासा करने के लिए जांच स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) से कराए जाने की तैयारी है। इस तरह की जालसाजी रोकने के लिए विभाग ने तत्काल प्रभाव से अत्याधुनिक जांच सिस्टम भी लागू कर दिया है। इसमें प्रत्येक स्टांप की जांच क्यूआर कोड से करना अनिवार्य कर दिया गया है।

एसआईटी करगी रजिस्ट्री की जांच (Ghaziabad News)

 आगरा निवासी मो. जाहिद ने यह फर्जीवाड़ा किया। इसके लिए उसने पहले स्टांप की स्कैनिंग की। स्टांप में रकम तीन जगह लिखी होती है। उन्हें पूरी तरह एडिट कर एक लाख दस हजार 500 रुपये किए। इसके बाद फिर चार बार स्टांप का करेक्शन किया गया और हू-ब-हू असली जैसा बनाकर रजिस्ट्री में इस्तेमाल कर लिया गया।इसका खुलासा होते ही पिछले छह माह के स्टांप की जांच कराई गई तो यह खेल कई जगह मिला। राजस्व से जुड़े मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता पर लेते हुए पूरे प्रदेश की लगभग 1.25 लाख रजिस्ट्री की जांच एसआईटी से कराई जा रही है। साथ ही जांच एसटीएफ को सौंपने की तैयारी है, जिससे कि प्रदेश व्यापी नेटवर्क का भंडाफोड़ हो सके।

स्टांप कितने का स्कैनर से चलेगा पता

नकली स्टांप के खुलासे के बाद पूरे सिस्टम में बदलाव किया गया है। इसके तहत अब रजिस्ट्रार के यहां एक बारकोड भी जाएगा। वहां इसे स्कैन किया जाएगा। उसमें पता चल जाएगा कि स्टांप कितने का है। किसने, किस लिए, कहां से और कब लिया है। स्कैनिंग में आने वाली जानकारी को ही वैध माना जाएगा न कि स्टांप में दर्ज जानकारी को। अगर स्टांप नकली हुआ या जरूरी स्टांप से कम मूल्य का हुआ तो दस्तावेज सीज कर लिए जाएंगे।

रवींद्र जायसवाल (स्टांप एवं पंजीयन मंत्री) ने दी जानकारी

विभाग की सतर्कता और लागू हाईटेक जांच पद्धति का ही परिणाम है कि स्टांप में की गई जालसाजी पकड़ में आई। प्रदेश में की गई रजिस्ट्रियों की जांच के आदेश दिए गए हैं। इस तरह के फ्राड को रोकने के लिए बारकोड सिस्टम लागू किया गया है। योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत राजस्व को हानि पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कि जाएगी, ताकि भविष्य में कोई इस तरह की हरकत आगे चलकर कोई न कर सके।
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