India News (इंडिया न्यूज़), Abhishek Singh, Gonda News: बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। रेसलर के मामले को लेकर आज राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इधर अवैध खनन के मामले को लेकर बीजेपी सांसद को एनजीटी की नोटिस जांच और कार्रवाई को लेकर मीडिया में चल रही खबरों को लेकर बृजभूषण सिंह का बड़ा बयान सामने आया है।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर इन खबरों का खंडन करते हुए भ्रामक और अफवाह करार दिया है। यूपी के गोंडा जिले के कैसरगंज लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद तथा भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण सिंह को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) से नोटिस जारी किया जाने का मामला सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर वर्ष 2017 में दायर किया गया था। जो अभी कोर्ट में लंबित है। बताया जाता है शिकायतकर्ता राजाराम सिंह की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए एनजीटी ने आरोपियों को नोटिस जारी कर डीएम से रिपोर्ट मांगी है।
इस पूरे मामले में अवैध रूप से बालू खनन और ट्रकों के संचालन के खिलाफ एनजीटी ने जांच के आदेश दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि एनजीटी ने अवैध खनन के मामले में बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह को नोटिस जारी किया है। एनजीटी की ओर से अवैध खनन के कारण पर्यावरण को नुकसान मामले में उन्हें आरोपी माना गया। हालांकि, बृजभूषण शरण सिंह ने इस प्रकार की मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है। बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह ने मीडिया रिपोर्ट्स में चल रही अवैध खनन की खबर को सिरे से खारिज कर दिया है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कुछ प्रतिष्ठित मीडिया चैनलों पर हमारे खिलाफ अवैध खनन और ट्रकों की ओवरलोडिंग का मामला चलाया जा रहा है। इसमें हमें एनजीटी की ओर से नोटिस जारी किए जाने का दावा किया जा रहा है। यह पूरी तरह से गलत है। मैं इस खबर का खंडन करता हूं। सांसद ने इस सूचना को झूठा करार देते हुए कहा कि इससे हमारा कोई संबंध नहीं है। गोंडा जिला प्रशासन, खनन विभाग और पुलिस से इस संबंध में जानकारी हासिल करने की अपील सांसद ने की है। खबर को गलत और दुखद करार दिया।
वहीं जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि एनजीटी का एक प्रकरण जो दाखिल हुआ था। वह हमें प्राप्त हुआ है। इसमें अवैध खनन तथा परिवहन संबंधी मामले हैं। जिसमें अपर जिलाधिकारी स्वयं मौके पर जाकर जांच करेंगे। इसमें जो अवैध खनन और परिवहन का उल्लेख किया गया है। उसको गंभीरता से देखा जाएगा। इसकी जांच पूर्व में भी की जा चुकी है। जिसमें खनन इंस्पेक्टर निलंबित भी हुए थे। लेकिन इस प्रकार का मामला पुनः संज्ञान में आया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी हमें व्हाट्सएप के माध्यम से लेटर प्राप्त हुआ है। अभी पूरी रिपोर्ट नहीं मिली है। इसमें जो भी लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि एनजीटी ने जो जांच के आदेश दिए हैं।
इसमें तरबगंज तहसील के गांव शामिल हैं। इसकी जांच पहली बार होगी। उन्होंने कहा कि पूर्व में 2017 में एक मामला संज्ञान में आया था। जिसमें कठोर कार्रवाई हुई थी। वह भी मामला एनजीटी के संज्ञान में था। बाद में उसमें विपक्षी ने सुप्रीम कोर्ट से स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया था। उसके रिवाइवल के लिए हम लोग प्रयास कर रहे हैं। इसमें ओवरलोडिंग का भी मामला है। वैसे ओवरलोडिंग के खिलाफ प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है। इसके लिए टीमों का गठन किया गया है।
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