India News (इंडिया न्यूज), Prayagraj : इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी खबर सामने आई है जहां सजा के खिलाफ अपील लंबित पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष ने याची को बर्खास्त कर दिया। कोर्ट ने कहा है कि पूर्व अध्यक्ष एम. देवराज जहां कहीं भी तैनात हो 18 अगस्त तक कोर्ट अपनी सफाई दें। कोर्ट ने गंभीर टिप्पणी करते हुए पूर्व अध्यक्ष एम. देवराज को वैधानिक रूप से प्रशिक्षित नहीं बताया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष एम. देवराज से सफाई मांगी है कि उन्होंने याची को बर्खास्त करने और जांच की खामियों की अनदेखी क्यों की। कोर्ट ने उनको 18 अगस्त तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष से कहा है कि याचिका व इस आदेश की प्रति एम. देवराज को जहां कहीं भी तैनात हो, उपलब्ध करायें।
कोर्ट ने कहा कि याची के खिलाफ आरोप गंभीर है। यदि साबित हुए तो उसे कठोर सजा हो सकती है। किंतु जांच कार्यवाही में आरोप साबित करने के लिए मौखिक गवाही व साक्ष्य नहीं लिए गए।अनुशासनात्मक प्राधिकारी के आदेश के खिलाफ अपील लंबित है और पूर्व अध्यक्ष ने पुनरीक्षण शक्ति का इस्तेमाल कर याची की सेवा समाप्त करने का आदेश दिया। जिसे याचिका में चुनौती दी गई है।
यह आदेश न्यायमूर्ति जे. जे. मुनीर ने राकेश कुमार शर्मा की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याची के खिलाफ आरोपों की जांच रिपोर्ट पर अनुशासनात्मक प्राधिकारी ने दंडादेश दिया। जिसे याची ने अपील में चुनौती दी है। जो विचाराधीन है। किंतु एम. देवराज ने याची को बर्खास्त करने का आदेश दिया। जिस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि, लगता है वह वैधानिक रूप से प्रशिक्षित नहीं है। आदेश देते समय जांच प्रक्रिया की खामी नहीं देखी। आरोप साबित नहीं किया गया है और अपील लंबित होने के बावजूद याची को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया ।
कोर्ट ने कहा एम. देवराज जहां भी तैनात हो उन्हें आदेश की जानकारी दी जाए और वह अपनी सफाई दे। वर्तमान अध्यक्ष को भी कोर्ट ने जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।