India News (इंडिया न्यूज़), रवि श्रीवास्तव, Sultanpur News : राम ही सत्य हैं और 22 जनवरी 2024 को वह सत्य स्वरूप राम अब भगवान रामलला अपने दिव्य भव्य श्रीराम जन्मभूमि के मंदिर में जा रहें हैं विराजमान होने तो यह निश्चित रूप से पूरी दुनिया के रहने वाले असंख्य सनातनियों हिन्दुओं के लिए एक गौरव एवं आनंद का विषय है।
उक्त बातें आज सुल्तानपुर में सायंकाल आयोजित शौर्य गाथा कार्यक्रम में पूज्य कथावाचक आचार्य शान्तनु जी ने कहीं और India न्यूज़ के साथ खास बातचीत के दौरान पूछे गए सवालों के जवाब में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या को अपना नाम बदलने की नसीहत भी दे डाली।
दरअसल आज शाम सुल्तानपुर जिले के प.रामनरेश त्रिपाठी सभागार में रामायणम फाउंडेशन की ओर से शौर्य गाथा का आयोजन किया गया। जिसमें रामायणम फाउंडेशन के संस्थापक एवं कथावाचक आचार्य शांतनु जी महाराज ने जहाँ एक ओर भगवान श्रीराम की लीलाओं का किया वर्णन किया तो वहीं दूसरी ओर India न्यूज़ से खास बातचीत के दौरान पूछे गए एक प्रश्न पर स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा बीते दिनों एक बयान दिया गया था ।
कि “हिन्दू नाम का कोई धर्म नहीं है। हिन्दू धर्म एक धोखा है” के जवाब में उन्होंने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या को अपना नाम बदलने की नसीहत तक दे डाली । उन्होंने कहा कि यदि वह यह मानते हैं कि धरती पर हिन्दू नाम का कोई धर्म नहीं है तो अपना नाम बदल लें और किसी अन्य पंथ में चले जाएं।विरोधाभाषी बातें करना उनकी आदत में है।वह किसी विशुद्ध वोट की तुच्छ गन्दी राजनीति करते हैं। इसलिए उनका जवाब समय-समय पर जनता देती रहेगी।
दूसरे एक अन्य प्रश्न कि 22 जनवरी 2024 को करोड़ों भक्तों का इंतजार खत्म हो रहा है। इस दिन रामलला गर्भगृह में विराजमान होंगे आप कैसा महसूस कर रहे हैं उस दिन को लेकर अभी से के जवाब में आचार्य शान्तनु जी महाराज बोले कि निश्चित रूप से यह भावुक करने वाला छण भी है।
और प्रश्न भी है और एक असंख्य बलिदानियों की श्रृंखला है जिनके कारण आज रामलला विराजमान स्वयं अपने दिव्य भव्य प्रसाद में पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि सत्य पराजित नहीं होता वो केवल परेशान होता है, और राम ही सत्य हैं और वह सत्य स्वरूप राम अब भगवान रामलला अपने दिव्य भव्य श्रीरामजन्म भूमि के मंदिर में जा रहे हैं । विराजमान होने और यह हम सबके लिए अतिशय अहलाद का आनंद का गौरव का छण है।
इसके पूर्व कथा की शुरुआत करते हुए आचार्य शांतनु जी महाराज ने कहा कि भगवान को पाने के लिए उन्हें अंतरात्मा से पुकारना पड़ता है, और प्रतीक्षा तो मैया शबरी एवं अहिल्या ने पूरे जीवन भगवान की प्रतीक्षा की। अंततः भगवान स्वयं उनके पास जाकर दर्शन देकर उन्हें उद्धार किया है।
आचार्य ने कहा कि हम सब की भी भगवान के प्रति अटूट आस्था, मन में ललक, प्यास होनी चाहिए। तभी हम उनके दर्शन पाकर भवसागर को पार कर सकते हैं। कथा आयोजक अयोध्या मंडल के हिन्दू युवा वाहिनी संगठन के निवर्तमान विभाग प्रभारी,पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू,पालिकाध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में महिला, पुरुष व बच्चों ने प्रेरणादायक श्री राम कथा का रसपान किया।
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