होम / UP Legislature: मुरादाबाद दंगे में 43 साल बाद भी नहीं भूले अपनों को खोने का दर्द, योगी सरकार ने दंगे की रिपोर्ट करी पेश

UP Legislature: मुरादाबाद दंगे में 43 साल बाद भी नहीं भूले अपनों को खोने का दर्द, योगी सरकार ने दंगे की रिपोर्ट करी पेश

• LAST UPDATED : August 9, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), UP Legislature: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में 13 अगस्त 1980 की तारीख इतिहास में कालिख की तरह चस्पा है। जहां, ईदगाह में ईद की नमाज के दौरान हुए विवाद ने पुरे देश को झकझोर के रख दिया। विवाद इतना बड़ गया की उसने दंगे का रूप ले लिया था। जिसमें 83 मासूमों की जान चली गई। वहीं दंगे में अपनों को खोने वाले परिवार 43 साल बाद भी उस दर्द नहीं भूल पाएं हैं। साथ ही लूटपाट, आगजनी में लोगों के कारोबार को तबाह कर के रख दिया था।

अपनों को याद कर आंखों से आंसू छलक आए

वहीं सदन के दूसरे दिन(मंगलवार) को योगी सरकार ने दंगे की रिपोर्ट पेश की। जिसके बाद एक बार फिर पीड़ित परिवार को आस जागी है कि उन्हें अब इंसाफ मिलेगा। इसके साथ ही अपनों को याद कर आंखों से आंसू छलक आए। गलशहीद थाने के बराबर वाली गली में रहने वाले नाजिम हुसैन ने इस दिन की आप बीती बताई। नाजिम ने बताया कि उस वक्त मेरी उम्र 7 साल थी। मैं अपने वालिद, भाइयों के साथ ईदगाह पर नमाज पढ़ने गया हुआ था।

नमाज पढ़ने के बाद हम सभी लोग घर आ गए

नाजिम ने कहा कि नमाज पढ़ने के बाद हम सभी लोग घर आ गए थे। वहीं ईदगाह पर हुए विवाद के बाद शहर में दंगा भड़कने लगा। मैं अपनी वालिदा, वालिद हाजी अनवार हुसैन, भाई सज्जाद हुसैन, कैसर हुसैन और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ घर में मौजूद था। इसी दौरान पुलिस कर्मी हमारे घर पर आए और उन्होंने दरवाजा खटखटाया।

जिसके बाद हमें दरवाजा खोलने में देरी हुई तो पुलिस कर्मियों ने दरवाजा तोड़ दिया था।और वह मकान में घुस गए। पुलिस कर्मी मेरे वालिद, दोनों बड़े भाइयों और हमारे नौकर अब्दुल सलाम को अपने साथ ले गए थे। जब परिवार ने पुलिस कर्मियों से बात की तो उन्होंने कहा कि उनके परिवारों से पूछताछ की जा रही है।

आज तक परिवार के शव नहीं मिले

पुलिस ने बताया कि उन्हें छोड़ दिया जाएगा। जिसके बाद हमने थाने जाकर देखा तो वहां मेरे न तो वालिद थे और न ही भाई । हमने चारों की बहुत तलाश की लेकिन उनका कहीं पता नहीं चल पाया। पुलिसकर्मी से दुबारा पुछने पर वह कहने लगे कि उन्हें जेल भेज दिया गया लेकिन वो जेल नहीं भेजे गए थे। जिसके बाद आज तक चारों न तो घर लौटे और न ही उनके शव मिले थे। मेहनत मजदूरी करने वाले नाजिम ने बताया कि अब आस जागी है कि उन्हें इंसाफ मिलेगा।

Also Read: Gyanvapi Survey: इमाम ने पकड़ा फीता तो हिंदू पक्ष ने जताई आपत्ति, कहा- जरूरत है तो सर्वे में और विशेषज्ञों को जोड़ें ASI

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox