India News (इंडिया न्यूज), Chhath Puja 2023: छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है। सनातन धर्म में इस व्रत का खास महत्व है। बता दें कि इस पर्व को लोग सूर्य षष्ठी, छठ, छठी, छठ पर्व, डाला पूजा, प्रतिहार और डाला छठ के नाम से भी जानते हैं। इस दौरान भगवान सूर्य और छठ माता की पूजा का विधान है। यह चार दिनों का महापर्व है। आज तीसरे दिन भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया जाएगा। इसे संध्या अर्घ्य भी कहा जाता है क्योंकि आज के दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाता है। वैदिक पंचांग में इस बात का जिक्र है कि हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को ही छठ महापर्व का मनाया जाएगा।
आज यानि 19 नवंबर को भगवान सुर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा। ये अर्घ्य अस्ताचलगामी सूर्य को अर्पित होता है। जिसमें जल में दूध डालकर सूर्य की अंतिम किरण को अर्घ्य व्दिरति देते हैं।
संध्या अर्घ्य का महत्व
मान्यता है कि सूर्य की एक पत्नी का नाम प्रत्यूषा है और पहला ये अर्घ्य उन्हीं को दिया जाता है। शाम में ये अर्घ्य देने से कई लाभ होते हैं।
- इससे आंखो की रौशनी बढ़ती है।
- लम्बी आयु मिलती है।
- आर्थिक सम्पन्नता आती है।
- ये अर्घ्य विद्यार्थी भी दे सकते हैं।
- विद्यार्थी कोशिक्षा में भी लाभ होगा।
संध्या अर्घ्य देने के नियम
- अर्घ्य देने के लिए एक पीतल का लोटा लें।
- उसमें में जल लेकर कुछ बूंदें कच्चा दूध मिला दें।
- इसी पात्र में लालचन्दन, चावल, लालफूल और कुश डाल दें।
- अपने मन को प्रसन्न कर सकारात्मक कर सूर्य की ओर मुख करें।
- अब कलश को व्रति अपनी छाती के बीचों-बीच लाएं।
- फिर सूर्य मंत्र का जप करें।
- जल की धारा धीरे-धीरे प्रवाहित करें।
- भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर पुष्पांजलि अर्पित करें।
- इस दौरान अपनी दृष्टि को कलश की धारा वाले किनारे पर रखें। इससे सूर्य का प्रतिबिम्ब एक छोटे बिंदु के रूप में आपको दिखाई देगा।
- एकाग्रमन से देखने पर सप्तरंगों का वलय भी नजर आएगा।
- अर्घ्य के बाद सूर्यदेव को नमस्कार करें और तीन परिक्रमा करें।
- अब व्रति टोकरी में फल और ठेकुवा आदि सजाकर सूर्यदेव की उपासना करें।
- अब जो भी मनोकामना है, उसे पूरी करने की प्रार्थना सूर्य देव से करें।
- कोशिश करें कि सूर्य को जब अर्घ्य दे रहे हों, उस समय उसका रंग लाल हो।
- अगर इस समय अर्घ्य न दे सकें। तो दर्शन करके प्रार्थना करने से भी लाभ की प्रप्ति होगी।
करें इन मंत्रों का जाप
जब व्रति सूर्य को अर्घ्य दें उस समय इन मंत्रों का जाप करने से पूजा के लाभ में वृद्धि होगी।
ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।
ALSO READ: खुशखबरी! सस्ता हो गया LPG सिलेंडर, चेक करें नए रेट
सुरंग में फंसे सभी मजदूरों की जान बचाने के लिए जंग लगातार जारी, पिछले 5 दिनों से फंसी 40 जिन्दगियां