India news(इंडिया न्यूज़), Caste Census: 2024 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष के तरफ से जातीय जनगणना की मुद्दा को बार-बार उठाया जा रहा है। पहले बिहार, राजस्थान के बाद उत्तर प्रदेश में भी इस मुद्दे पर लागातार सवाल किया जा रहा है। जिसके जवाब में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ शब्दों कहा कि यह केंद्र सरकार का मामला है। राज्य सरकार किसी तरह की जातीय जनगणना नहीं कराएगी।
आपको बता दें की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विपक्ष के के द्वारा जातीय जनगणना पर पुछे गए सवाल का जवाब विधान परिषद में दे रहे थे। सपा विधायक संग्राम सिंह द्वारा उत्तर प्रदेश में जातीय जनगणना को लेकर एक सवाल पुछा गया था। सवाल के माध्यम से प्रदेश में जातीय जनगणना कराने की मांग सरकार के की गयी थी। जिसके उत्तर में मुख्यमंत्री ने एक लिखित जवाब दिया। सीएम ने अपने लिखित जवाब में बताया की जनगणना केंद्र सरकार के तरफ से कराई जाती है, भारतीय संविधान की सातवीं अनसूची की संघ सूची के क्रमाक 69 पर जनगणना कराने की योजना केंद्र सरकार की है।
जातीय जनगणना के मुद्दे पर मुख्यमंत्री के जवाब पर विपक्षी दल नाराज दिखे और सदन में उन्होंने जमकर हंगामा किया. नाराज सपा विधायक सदन के बीच में ही धरने पर बैठ गए जिसकी वजह से कुछ देर के लिए कार्यवाही को रोकना पड़ा.।सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि जातीय जनगणना के सवाल पर मुख्यमंत्री के द्वारा दिये जा रहे जवाब पर समाजवादी पार्टी के विधायकों ने विधानसभा में हंगामा किया। समाजवादी पार्टी के मुखिया पूर्व सीएम अखिलेश यादव और बहुजन समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मयावती दोनों प्रदेश में जातीय जनगणना को लेकर कई बार बयान दे चुके है। सपा ने तो 2022 के चुनावी घोषणा पत्र में जातीय जनगणना को अपने चुनावी घोषणापत्र में रखा था।
विपक्ष के द्वारा जातीय जनगणना को बार-बार मुद्दा बनाया जा रहा है। विपक्ष वर्तमान केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर लागातार कटघरे में खड़ा करना चाह रही है। बिहार में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव, राजस्थान में अशोक गहलोत, उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव जातीय जनगणना के आधार पर 2024 का नैया पार करना चाहते है। कर्नाटक चुनाव में तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जातीय जनगणनाकी बात कही थी।
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