India News UP (इंडिया न्यूज़), Diphtheria: डिप्थीरिया एक जानलेवा रोग है जो बैक्टीरिया संक्रमण से होता है। यह रोग व्यक्ति के खांसने या छींकने से फैलता हैं। इसका वजह से होने वाले बैक्टीरिया का नाम है कोरिनेबैक्टीरियम डिप्थीरिया। यह बीमारी किसी को भी हो सकती है। चाहे वह शिशु हो या बड़ा। डिप्थीरिया का लक्षण होता है गले में तकलीफ और सांस की दिक्कत। बेहतर हैं की समय रहते इस बिमारी का पता लग जाए वरना यह एक जानलेवा बीमारी भी घोषित हो सकती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे डिप्थीरिया और इससे होने वाले रोग के बारे में। साथ ही साथ हम आपको इसके इलाज के बारे में भी कुछ जानकारियां प्रदान करेंगे।
डिप्थीरिया के लक्षणों को गहराई से समझें
- गले में दर्द: डिप्थीरिया (Diphtheria) में इंसान को गले में तेज दर्द या खराश का अहसास होता है। गले की भागों में एक चिपचिपा पदार्थ जमा होता है जिससे गले में खाना निगलने में भी तकलीफ होती है।
- बुखार: डिप्थीरिया के रोगी के शरीर में बुखार भी देखा जा सकता हैं। व्यक्ति के शरीर का तापमान काफी बढ़ सकता है।
- सांस लेने में कठिनाई: डिप्थीरिया से प्रभावित होने पर गले में छाले या मलमलाई के कारण सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। यह चिपचिपा पदार्थ गले की नली को बंद कर देता है जिससे सांस लेने में परेशानी होती है।
- गांठ: डिप्थीरिया के रोगी के गले में गांठ दिख सकती है। यह गांठ गले के आसपास की जगहों पर महसूस की जा सकती है।
- बुदबुदाना या खाँसना: डिप्थीरिया के रोगी इन्फेक्शन के कारण बुदबुदाते हैं या खांसते हुए दिखाई देते हैं। यह एक और भी गंभीर रोगी के लक्षण हो सकते हैं।
- सामान्य बीमारी के लक्षण: डिप्थीरिया के रोगी को थकान कमजोरी और अस्वस्थता का अनुभव भी हो सकता है। यह रोगी को आमतौर पर कमजोरी महसूस होती है और उन्हें थकावट भी हो सकती है।
डिप्थीरिया रोग के होने के पीछे के कुछ कारण
इस रोग का कारण कोरिनेबैक्टीरियम डिप्थीरिया (Diphtheria) नामक बैक्टीरिया होता है। यह बैक्टीरिया वायरस की तरह एक इंफेक्शन होता है जो शिशुओं और वयस्कों दोनों को प्रभावित कर सकता है। इस रोग के फैलाव के लिए आमतौर पर छींकने खांसने या संपर्क से होता है। जब इंफेक्शन होता है तो यह बैक्टीरिया गले में विकसित होता है और वहाँ एक चिपचिपा पदार्थ उत्पन्न करता है। जिससे गले में दर्द और समस्याएं होती हैं।
डिप्थीरिया का इलाज
- एंटीबायोटिक्स डिप्थीरिया के इलाज में अक्सर एंटीबायोटिक्स, जैसे कि पेनिसिलिन या एरीथ्रोमाइसिनद्ध का उपयोग किया जाता है। यह रोग के कारणकों को मारता है और रोगी को ठीक करने में मदद करता है।
- डिप्थीरिया टॉक्सीनरू डिप्थीरिया टॉक्सीन एक प्रकार की टीका होती है जो डिप्थीरिया बैक्टीरिया के खिलाफ रोगी को लगायी जाती हैं। यह टीका सामान्यतः बच्चों को दिया जाता है। लेकिन कभी-कभी बड़ों को भी दिया जा सकता है। इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद मिलती है जिससे बीमारी फैलने का खतरा कम हो जाता है।
- सहायक चिकित्सक रोगी को आराम करने के लिए और उनके सामान्य कार्यक्षमता को बनाए रखने के लिए सहायक चिकित्सा उपायों का उपयोग किया जाता है। यह शामिल कर सकता है उचित पोषणए पानीए और विश्राम।
- डिप्थीरिया एक बहुत गंभीर बीमारी हो सकती है। ऐसे में अगर किसी को ऊपर बताये लक्षण महसूस होते है तो जल्द ही डॉक्टर से जांच करायेद्य वक़्त रहते इलाज कराने से यह बिमारी खत्म भी हो सकती है।
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