India News UP(इंडिया न्यूज),Om Prakash Rajbhar : इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले सभी पार्टी ने नेता अपने बयान को लेकर सुर्ख़ियों में बने हुए है। एक ऐसी ही बयान बाजी सुभासपा नेता ओम प्रकाश राजभर ने भी किया है। 19 के दसक की फिल्म गब्बर के डायलॉग आज भी लोगों के जुबान पर है।
ओम प्रकाश राजभर मंत्री बनने के बाद एक कार्यक्रम में जनता को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे भी गब्बर समझो। उन्होंने कहा था, ‘मैं आपसे कहता हूं कि किसी भी पुलिस स्टेशन जाएं, लेकिन सफेद तौलिया न पहनें। हमारा पीला तौलिया रख दो। जब आप पीला तौलिया पहनकर थाने जाएंगे तो इंस्पेक्टर को आपके चेहरे पर राजभर (ओम प्रकाश) नजर आएगा। जाकर कह दो कि मंत्री ने भेजा है।
उन्होंने आगे कहा, इंस्पेक्टर, डीएम, एसपी को फोन करके पूछने की शक्ति नहीं है कि मंत्री ने लोगों को भेजा है या नहीं। शोले में एक गब्बर सिंह था तो मुझे भी गब्बर ही समझो। इस बयान के बाद राजभर खुद को नायक बताने लगे और एक पत्रकार द्वारा सवाल पूछने पर उसे अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी का एजेंट बताते हुए अपने बयान पर सफाई दी।
उन्होंने कहा, ‘उनमें गरीबों की सेवा करने का उत्साह है।’ सदियों से समाजवादी पार्टी की सरकार में गुंडागर्दी के दम पर गरीबों के मनोबल को दबाया जाता था। उनका मनोबल बढ़ाने के लिए हम उनसे पूर्वांचल की भाषा में बात करते हैं, आप उसे दूसरी भाषा में समझते हैं जबकि हमारी भाषा अलग है, खलनायक की भाषा से। ये कोई रोल नहीं था, ये एक हीरो का रोल था। फिल्म शोले में हीरो कौन था, क्या हम उसे खलनायक कहेंगे?
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया और मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने मंत्री पद की शपथ लेने के बाद कहा था कि मुख्यमंत्री के बाद सबसे ज्यादा ताकत उन्हीं के पास है। उन्होंने कहा था, ‘आप लोगों ने देखा कि मुख्यमंत्री ने बैठकर ओम प्रकाश राजभर को शपथ दिलाई। हम मंत्री बनेंगे- बताओ आपने कहां कहा था या नहीं? उन्होंने चुनौती देते हुए कहा था कि वह मंत्री बनेंगे और उन्होंने यह साबित कर दिखाया। आज मुख्यमंत्री की ताकत के बाद अगर किसी में ताकत है तो वह हैं ओमप्रकाश राजभर।
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