Tuesday, July 9, 2024
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Joshimath Sinking : जोशीमठ में जमीन पर भू-धंसाव और आसमान से ओले की बारिश, “न घर के न घाट के” हो गए है लोग

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Joshimath Sinking: पिछले कुछ दिनों से जोशीमठ में भू-धंसाव के वजह से सौंकड़ो लोगों ने अपना घर छोड दिया। बीते बुधवार तक प्रशासन ने 700 से ज्यादा ऐसे घरों को चिन्हित किया है जिसमें भू-धंसाव के कारण दरारें पड़ गयी है।

पीड़ित लोगों को राज्य सरकार के द्वारा बनाये गए राहत शिविर केंद्र में रखा जा रहा है। उत्तराखंड में मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। इसी बीच कई इलाकों में भारी बर्फबारी देखने को मिल रही है। जिसके कारण स्थानीय लोगों की परेशानिया और बढ़ गयी है।

घर छोड़ शिविर में जाने पर मजबूर लोग : Joshimath Sinking

जोशीमठ के स्थनीय लोगो ने कहा की भूस्खलन के वजह से घर में दिन ब दिन बढ़ती दरारों को देखकर डर लगता है। लोगो ने कहा की हमारा घर कभी भी गिर सकता है, इस दर से हमें रत में नींद नहीं आती।

मौत काम आ जाये इसका पता नहीं इस लिए अब हम राहत शिविर जाना चाहते है, लेकिन प्रशासन ने अभी तक हमारे घर को असुरक्षित घोषित नहीं किया है।

कुदरत के कहर से “न घर के न घाट के” हो गए है लोग

अभी तक लोग भूस्खलन से परेशान होकर शिविर में भाग कर गए, लेकिन उनको वह अब ठंडी ,बर्फ और ओले का सामना करना पड़ रहा है। लोगो में जीवन को लेकर दर बन गया है उनका कहना है की हम कब तक जिन्दा रहेंगे इस बात का पता हमे खुद नहीं है।

शिविरों में सरकार लोगो के लिए आग और कम्बल का इंतजाम कर रही है। लेकिन लोगो के हिसाब से वह पर्याप्त नहीं है। लोगो का सरकार से आग्रह है की उनके लिए आग और गरम कपडे का व्यवस्था करे।

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