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East India Company: भारत पर राज करने वाली कंपनी अब किस हाल में है , जानिए क्या काम करती है अब

• LAST UPDATED : April 30, 2024

India News UP (इंडिया न्यूज़),East India Company: हमने अपने इतिहास के किताब में ईस्ट इंडिया कंपनी का ज़िक्र सुना या पढ़ा होगा। क्या आपने कभी सोचा है ईस्ट इंडिया कंपनी अब इतने सालो बाद कौन चलाता है, और अब वह कंपनी क्या काम करती है। आइये जानते है।

131 साल बाद कंपनी का जन्म हुआ

ईस्ट इंडिया कंपनी का अस्तित्व 400 साल से भी ज़्यादा पुराना है। इंग्लैंड की महारानी एलिज़ाबेथ ने अपने एक रॉयल चार्टर के सहायता से कंपनी की स्थापना 1600 में की थी। 1607 में एक हवाईजहाज 16000 से अधिक किलोमेटेरकी यात्रा कर भारत पहुंचा था। यह पहला अंग्रेजी जहाज़ था जो भारत पहुंचा था। कंपनी ने 1690 में पहली फैक्ट्री कोलकाता में लगाई। इसके बाद कंपनी ने यहाँ अपनी सैन्य ताकत को मजबूत किया और भारत पर राज करने लगी।
आगे जब 1857 का क्रांति हुआ उसके बाद कंपनी की पावर को ब्रिटिश महारानी को वापस कर दिया गया। 1874 में कंपनी को बंद कर दिया गया, और इंग्लैंड की महारानी विक्टोरिया का शासन शुरू हुआ।

इस बात के करीब 131 साल बाद फिर से कंपनी का जन्म हुआ। ईस्ट इंडिया कंपनी को मुंबई में जन्में एक व्यावसायी संजीव मेहता ने खरीद लिया। उन्होंने इसे ख़रीदते हुए एक बात कही की ईस्ट इंडिया कंपनी ने लोगो की दुनिया, लोगो का स्वाद और सोच को बदला था। संजीव मेहता के कथनुसार, “अगर ईस्ट इंडिया कंपनी नहीं होती तो आज दुनिया वैसी नहीं होती जैसी है।”

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कंपनी अब क्या करती है ?

संजीव मेहता ने 2005 में कंपनी का अधिग्रहण करने के बाद लग्जरी चाय, कॉफी और फूड आइटम्स पर ध्यान केंद्रित किया। कंपनी अब चाय, जिन, कॉफी, चॉकलेट, बिस्किट व लग्जरी गिफ्ट हैंपर तैयार करती है। इसके अलावा कंपनी लग्जरी होमवेयर और पेय पदार्थ भी बनती है। कंपनी के पास सोने की मोहर छापने की अनुमति है।1918 में ये सिक्के आखिरी बार ब्रिटिश इंडिया में छपे थे। ईस्ट इंडिया कंपनी के पास पुरानी कंपनी की सील के साथ व्यापार करने की भी अनुमति है। जानकारी के अनुसार, पुरानी ईस्ट इंडिया कंपनी जब अपने चरम स्थान पर थी तब ब्रिटेन का एक तिहाई श्रमबल कंपनी के लिए ही काम करता था। जल्द ही कंपनी एक बार फिर भारत में व्यापार करेगी ऐसा संजीव मेहता का मानना है और वह कहते हैं कि पुरानी ईस्ट इंडिया कंपनी अपने आक्रामता के बल पर खड़ी हुई थी लेकिन ये ईस्ट इंडिया कंपनी सद्भावना और दयाभाव पर बनी है।

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