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Weak Eyesight: चश्मे से रखनी है दूरी, तो आज ही छोडे ये बूरी आदते

• LAST UPDATED : October 8, 2023

India News (इंडिया न्यूज़),Reason of Weak Eyesight: अकसर बढ़ती उम्र के साथ आंखों की रोशनी कम होने लगती है। परंतु आजकल कम उम्र में भी लोगों की देखने की शक्ति कम होती है। आजकल छोटे बच्चों को चश्मा लग रहा है। कमजोर आखों से हमारी लाइफ क्वालिटी खराब हो जाती है। कई लोगों को पास का देखने में तो वहीं कुछ को दूर का दिखना परेशान करता है। हमारी कुछ गलत आदतों के कारण भी हमारी नजर कमजोर हो सकती है। जिससे जल्द ही आखों को चशममें की जरुरत पढ़ सकती है। अगर कम उम्र में नहीं चाहते है कमजोर आखें तो सुधारें अपनी ये कुछ खराब आदतें।

1. अत्याधिक स्क्रीन टाइम

कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करने से या स्मार्टफोन पर स्क्रॉल करने से आंखें ड्राई हो जाती हैं। जिससे आखों की रोशनी धुंधली होने के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। डिजिटल स्क्रीन सेफ्टी चश्मे द्वारा कंप्यूटर, फोन से हो रहे आई स्ट्रेस से निपटा जा सकता है। वहीं आपको साथ ही अपना स्क्रीन टाइम भी कम करना पड़गा।

  • हर बीस मिनट में स्क्रीन से दूर देख ब्रेक लें
  • दूर की किसी चीज को देखें
  • अपनी आंखों को आराम दें
  • आंखों को चिकनाई के लिए दस बार धीरे-धीरे पलकें झपकाए

2. कम पानी पीना

अगर आप कम पानी पीतें है तो आपकी आंखों में पानी की कमी होने की संभावना बढ़ जाती है। इससे आंखें सूजी हुई, ड्राई और लाल हो जाती है। हमारी आंखों के लिए हाइड्रेशन बनाए रखनाके भी जरूरी है।

3. खराब डाइट

पानी के सेवन के साथ-साथ आपको अपनी डाइट पर भी ध्यान देना चाहिए। खराब डाइट आपकी आंखों के लिए हानिकारक हो सकती है। हेल्दी आखों के लिए खाए ये हेल्दी फुड्स

  • पत्तेदार सब्जियां
  • अंडे
  • नट्स
  • सी फूड्स

4. नींद की कमी

जब कोई रोज छह से आठ घंटे से कम नींद लेना शुरू कर देता है तो आंखों में थकान और तनाव दिखना शुरू हो जाता है। अपनी आखों के लगातार चिकनाई देने के लिए पर्याप्त नींद लेना बहुत जरुरी हैं।

5. आंखों को बार-बार रगड़ना

अपनी आखें को बार बार रगड़ने से मायोपिया और ग्लूकोमा की स्थिति खराब हो सकती है। जिसका सीधा असर आपकी आंखों की रोशनी पर होता है।

6. धूम्रपान

सबसे आम आई कंडिशन धूम्रपान से आखें खराब होना है। धूम्रपान करने से आपको रिस्क मैक्यूलर डिजनरेशन, ग्लूकोमा, ड्राई आंई और मोतियाबिंद हैं। धूम्रपान करने वालों में मैक्यूलर डिजनरेशन, मोतियाबिंद होने की संभावना ज्यादा होती है।

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