India News (इंडिया न्यूज़), Lucknow News: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन की ओर से बड़ी खबर सामने आई है। बता दें, प्रदेश में ठेकेदारी में आरक्षण की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। जिसमें विभाग की ओर से 25 लाख से अधिक के ठेकों में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति को दिए जाने वाले रिजर्वेशन सिस्टम को खत्म कर दिया है।
विभाग की ओर से इस व्यवस्था को अब समाप्त कर दिया गया
बताते चलें कि अभी तक पावर कारपोरेशन में 25 लाख रुपये तक के कामों के लिए अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के ठेकेदारों के लिए क्रमश: 21 व दो प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था को लागू किया गया था। जिसके बाद विभाग की ओर से इस व्यवस्था को अब समाप्त कर दिया गया है। पावर कॉरपोरेशन के निदेशक मंडल की तरफ से इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
विभाग द्वारा यह आदेश 11 साल बाद जारी किया गया
पावर कॉर्पोरेशन विभाग द्वारा यह आदेश 11 साल बाद जारी किया गया है। वहीं बसपा सरकार के विभाग के वक्त में इस आरक्षण की व्यवस्था को लागू किया गया था। इसके बाद प्रदेश में 2012 में बनी सपा सरकार ने अपने शासनादेश के जरिए इसको खत्म कर दिया था। मामले में पावर कारपोरेशन के निदेशक कार्मिक और प्रशासन में इसे खत्म करने का आदेश 11 साल बाद दिया है।
बिजली कंपनियों के एचडी को यह नोटिस भेजा गया
आपको बता दें कि आदेश में लिखा गया है 25 लाख तक के कार्यों के लिए एससी को 21 फीसदी तथा एसटी को दो फीसदी आरक्षण की व्यवस्था तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाता है। इसके साथ ही 15 मई को 2012 में एससी एसटी जाति के ठेकेदारों के टेंडर में दी जाने वाली आरक्षण व्यवस्था को विभाग की ओर से समाप्त करने का शासनादेश जारी किया गया था। जिसके बाद सभी बिजली कंपनियों के एचडी को यह नोटिस भेजा गया है।
ठेकेदारों में आरक्षण की व्यवस्था मायावती सरकार में लागू की गई
बता दें की ठेकेदारों में आरक्षण की व्यवस्था बसपा सरकार यानी कि मायावती सरकार द्वारा लागू की गई थी। जिसको 2012 में आई सरकार सपा ने समाप्त कर दिया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा इसको लेकर शासनादेश जारी किया था। वहीं 24 जुलाई 2023 की तिथि में जारी यह आदेश रविवार को सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
Also Read: Noida Accident: यूपी के नोएडा सेक्टर-24 में बड़ा हादसा, स्ट्रीट लाइट के खंभे से करंट लगने पर एक…