India News (इंडिया न्यूज़), Chandramani Shukla, Lucknow News:देश के अलग अलग राज्यों में साल के अंत तक चार महत्वपूर्ण राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है। जिसमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ शामिल है। इन राज्यों के विधानसभा चुनाव जहां प्रदेश की सरकार तो बनाएंगे ही साथ ही लोकसभा चुनाव के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकी इन सभी राज्यों में कुल 83 लोकसभा सीटें हैं। इन राज्यों के चुनाव इस लिहाज से भी अहमियत रखते है क्योंकी इन चुनावों में I.N.D.I.A. गठबंधन की मजबूती की भी परख हो जायेगी ।
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ ऐसे राज्य है जहां भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। अब इस सीधे मुकाबले में I.N.D.I.A. गठबंधन के अन्य सदस्यों की भूमिका अहम हो जाती है कि इस गठबंधन के दल क्या इन चुनावों में कांग्रेस का साथ देंगे । यह अपने आप में बड़ा सवाल है। एक तरफ जहां I.N.D.I.A. गठबंधन की समन्वय समिति की बैठक हुई तो दूसरी तरफ देश के सबसे बड़े सियासी सूबे उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस के बीच में तल्खी देखी जा रही है। यह तल्खी अभी हाल ही में हुए उपचुनाव के बाद बढ़ी है। दोनों ओर से उप चुनाव के बाद से बयानबाजी जारी रही है। वहीं उसको लेकर राजनीतिक जानकारों का ऐसा मानना है कि यह जो खटास समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच देखी जा रही है।
उसका बड़ा कारण इसी साल होने वाले कई राज्यों के विधानसभा चुनाव भी हैं क्योंकि इन विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी जोर-शोर से तैयारी कर रही है। वहीं अंदर खाने से ऐसी खबरें आ रही है कि सपा की ओर से कांग्रेस से इन राज्यों में सीट साझा करने का भी प्रस्ताव रखा जा सकता है। ऐसा बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव की तरफ से समाजवादी पार्टी के लिए विधानसभा चुनाव में भी आधा दर्जन सीटें मांगी गई हैं।
यूपी में समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर लोकसभा का चुनाव लड़ने की आस लगाए कांग्रेस पार्टी के लिए इसी साल नवंबर दिसंबर में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में प्रस्तावित विधानसभा का चुनाव गठबंधन धर्म निभाने की एक परीक्षा हो सकता है। समाजवादी पार्टी जहां मध्य प्रदेश के चुनाव को लेकर पिछले साल से तैयारियों पर जोर दे रही है तो वहीं छत्तीसगढ़ में भी अखिलेश यादव खुद जाकर जनसभा करने जा रहे हैं। अखिलेश यादव 25 सितंबर को छत्तीसगढ़ जाएंगे जहां वो रायपुर में सभा को संबोधित करेंगे।
इसके अलावा वहां सपा का राज्य स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन भी होगा। इसके पहले मध्य प्रदेश में इसी साल अप्रैल के महीने में डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मुहू में आयोजित जनसभा में भाग लिया था। उसके बाद भी ऐसा देखा गया कि अखिलेश यादव ने एमपी के नेताओं के साथ चुनावी रणनीति को लेकर बैठक भी की थी।
जिस तरह से समाजवादी पार्टी की ओर से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को लेकर सक्रियता देखी जा रही है उससे यह तो स्पष्ट है कि अखिलेश यादव इन राज्यों के विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की मौजूदगी जरूर दर्ज कराएंगे। ऐसे में अगर सपा बीच में दखल देती है तो नुकसान कांग्रेस का ही होगा। इसी को समझते हुए काindiaग्रेस यह कतई नहीं चाहेगी कि गठबंधन में होने के बावजूद यहां पर उसे सपा से नुकसान हो।