India News (इंडिया न्यूज़), Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री अपने तीन दिवसीय दौरे पर नेपाल पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने नेपाल के नवलपरासी जिले में सीजी इंडस्ट्रियल पार्क शाश्वत धाम देवचुली में 19 से 21 दिव्य दरबार और हनुमंत कथा का रसपान कराया।
कथा के दौरान उन्होंने कहा कि ये वह भूमि है जहां जन्म लेने वालों को अयोध्या नही जाना पड़ता है अयोध्या के राम को यहां आना पड़ता है । माँ जानकी की नगरी है और नेपाल हमारे भारत का एक अभिन्न अंग हमारे भारत का मित्र देश हमारे भारत के साथ साथ कंधे से कंधा मिलाकर पूरी दुनिया में सनातन का झंडा फहराने वाला राष्ट्र है। कथा के अंतिम दिन हजारों की संख्या में नेपाली श्रद्धालुओं के साथ भारतीय भी मौजूद रहे।
कथा के समापन के मौके पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि नेपाल बहुत ही अद्भुत है और श्रद्धा बड़ी प्रबल है लोगों में सनातन के प्रति जागृति हो रही है। भगवान राम और माता जानकी के नाते नेपाल हमारा ननिहाल है। उन्होंने कहा कि आदि काल से ही भारत और नेपाल के संबंध मजबूत है अगर भारत शरीर है तो प्राण नेपाल है दिल अगर भारत है तो धड़कन नेपाल है काया अगर भारत है तो छाया नेपाल है।
भगवान राम और माता जानकी जब तक अलग नहीं होंगी तब तक भारत और नेपाल कभी जुदा नहीं हो सकते कुछ असामाजिक तत्व आ रहे हैं और अपनी चालें चल रहे हैं पुनः कथाओं के माध्यम से राम वन पथ गमन यात्रा जो निकल रही है अगर वह नेपाल तक आ जाए तो उसे माध्यम से माता जानकी जी के नाते से पुनः भारत और नेपाल के संबंध दृढ होंगे। आयोजक मंडल के अध्यक्ष और नेपाल के हिंदू नेता एवं उद्योगपति वरुण चौधरी ने कहा कि लोगों के चेहरे पर जो खुशी थी मन मे जो सनातन छुपा हुआ था वो पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के इस सत्संग से उभर कर सामने आया है ।
कथा के अंतिम दिन कथा स्थल भारी संख्या में नेपाल के साथ भारत के श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में मौजूदगी रही। इस दौरान श्रद्धालुओं में काफी उत्साह भी दिखा। उनका कहना था कि इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से भारत और नेपाल के संबंध और भी मजबूत और प्रगाढ होंगे। वहीं नेपाल में पहली बार बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के सत्संग से नेपाल के श्रद्धालु काफी उत्साहित दिखे। वहीं नेपाल के लोगों का कहना था कि भारत और नेपाल का संबंध रूठी बेटी का है और इस तरह के कार्यक्रम से भारत और नेपाल का संबंध और भी मजबूत हो जाएगा। वहीं एक बार फिर से नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनने को लेकर मांग बड़ी है ।