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Devotion: मारुति से कैसे बने हनुमान, बड़ा रोचक है महाबली का ये किस्सा

• LAST UPDATED : October 10, 2023

India News(इंडिया न्यूज़), Devotion: हनुमान जी को बहुत शक्तिशाली माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान हनुमान एक ऐसे देवता हैं, जिनकी आराधना से बड़ी से बड़ी बाधा तुरंत टल जाती है। बजरंगबली कलयुग के जीवित देव माने गए हैं। इनकी आराधना शीघ्र फलदायी बताई गई है। मान्यता है कि हनुमान जी अपने भक्तों की सारी पीड़ाएं और संकटों को दूर करते हैं। हनुमान जी के नाम मात्र का उच्चारण करने से ही व्यक्ति सांसारिक सुखों को प्राप्त करता है। हनुमान को बजरंगबली, अंजनी पुत्र, पवन पुत्र, रामभक्त जैसे अनेकों नामों से जाना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मारुती नंदन का नाम हनुमान कैसे पड़ा…

बालार्कायुततेजसं त्रिभुवनप्रक्षोभकं सुन्दरं सुग्रीवाद्यखिलप्लवङ्गनिकरैराराधितं   साञ्जलिम्।

नादेनैव समस्तराक्षसगणान् सन्त्रासयन्तं प्रभुं श्रीमद्रामपदाम्बुजस्मृतिरतं ध्यायामि वातात्मजम्॥

हनुमान जी के बचपन का नाम मारुति था

पौराणिक कथा के मुताबिक हनुमान जी के बचपन का नाम मारुति था। एक दिन मारुती नंदन अपनी निद्रा से जागे एवं उन्हें तीव्र भूख लगी। उन्होंने पास के एक वृक्ष पर लाल पका फल देखा, जिसे खाने के लिए वे निकल पड़े। असल में मारुती जिस लाल पके फल के लिए जा रहे थे वे सूर्यदेव थे।

वह दिन अमावस्या का था तथा राहु सूर्य पर ग्रहण लगने वाला था। परंतु वे सूर्य को ग्रहण लगा पाता, उससे पहले ही हनुमान जी द्वारा सूर्य को निगल लिया गया। राहु को कुछ समझ नहीं आया की हुआ क्या? उन्होने इंद्र से सहायता मांगी। इंद्रदेव के बार-बार आग्रह करने पर जब हनुमान जी ने सूर्यदेव को मुक्त नहीं किया तो,  इंद्र ने वज्र से उनके मुख पर प्रहार किया जिससे सूर्यदेव मुक्त हुए।

जब वायु देवता ने पूरे संसार में वायु के प्रवाह को रोक दिया

वहीं वज्र के प्रहार से पवन पुत्र मूर्छित होकर पृथ्वी पर आ गिरे और उनकी ठुड्डी टेढ़ी हो गई। जब पवन देवता को इस बात की जानकारी हुई तो वे बहुत क्रोधित हुए। उन्होंने अपनी शक्ति से पूरे संसार में वायु के प्रवाह को रोक दिया, जिसके परिणामस्वरूप पृथ्वी पर जीवों में त्राहि-त्राहि मच उठी।

इस वजह से उनका एक नाम हनुमान पड़ा

इस विनाश को रोकने के लिए सारे देवगण पवनदेव से आग्रह करने पहुंचे कि वे अपने क्रोध को त्याग पृथ्वी पर प्राणवायु का प्रवाह करें। सभी देवताओं ने पवन देव को खुश करने के लिए बाल हनुमान को पहले जैसा कर दिया गया और साथ ही बहुत सारे वरदान भी दिए गए। देवताओं के वरदान से बालक हनुमान और भी ज्यादा शक्तिशाली हो गए। परंतु वज्र के चोट से उनकी ठुड्ढी टेढ़ी हो गई थी। जिसकी वजह से उनका एक नाम हनुमान पड़ा गया।

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