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समुद्र में डूब गई थी द्वारका नगरी, अब उस पर बना केबल ब्रिज

• LAST UPDATED : February 25, 2024

India News (इंडिया न्यूज़), Cable Bridge to Connect Dwarka: भारत एक सांस्कृति और सभ्यता का देश है। हिंदू लेखों में कहा गया है कि जब कृष्ण ने आध्यात्मिक दुनिया में शामिल होने के लिए पृथ्वी छोड़ दी, तो कलियुग शुरू हुआ और द्वारका और उसके निवासी समुद्र में डूब गए। बाढ़ की कहानियाँ 2004 में भारत में आई सुनामी की तरह सुनामी को भी जन्म दे सकती हैं। इस जगह पर प्रधानमंत्री मोदी ने आज द्वारिका नगरी से ओखा को जोड़ने वाले केबल ब्रिज का उदघाटन किया। पीएम ने इस ब्रिज का नाम सुदर्शन पुल रखा है। इस पुल का शिलान्यास अक्टूबर 2017 में किया था।

डूबने की क्या थी वजह

पौराणिक कथा के अनुसार, जरासंध द्वारा लोगों पर किए जा रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने मथुरा छोड़ दिया था। श्रीकृष्ण ने समुद्र तट पर अपनी दिव्य नगरी बसाई। इस नगर का नाम द्वारका रखा गया। ऐसा माना जाता है कि महाभारत के 36 साल बाद द्वारका शहर समुद्र में डूब गया था। महाभारत में पांडव विजयी हुए और सभी कौरवों का विनाश हो गया। इसके बाद जब हस्तिनापुर में युधिष्ठिर का राज्याभिषेक हो रहा था तो श्रीकृष्ण भी वहां मौजूद थे।

तब गांधारी ने महाभारत युद्ध के लिए श्रीकृष्ण को दोषी ठहराया और श्रीकृष्ण को श्राप दिया कि यदि मैंने सच्चे मन से अपने आराध्य की पूजा की होगी और अपनी पत्नी के प्रति वफादारी का कर्तव्य निभाया होगा, तो जिस प्रकार मेरे कुल का नाश हुआ है, उसी प्रकार। तुम्हारे कुल का भी नाश हो गया। नष्ट हो जाएगा। वह भी तुम्हारी आँखों के सामने नष्ट हो जायेगा। कहा जाता है कि इसी श्राप के कारण श्रीकृष्ण की द्वारका नगरी पानी में डूब गई थी।

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