India News (इंडिया न्यूज़) Ghosi by-election घोसी : रविवार को घोसी विधानसभा के उपचुनाव का प्रचार दिन था। वही 5 सितंबर को वोट डाले जाएंगे और 8 सितंबर को मतगणना होना है ।
इधर दोनों विपक्षी पार्टी (बीजेपी और सपा) के बीच आरोप लगाना तेज हो गया है। जहाँ प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सपा पर निशाना साधा तो वही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा।
बसपा ने उपचुनाव में मतदान से पहले बड़ा सियासी दांव खेला है। बसपा प्रमुख ने कहा कि “बसपाई या तो घर बैठेंगे और यदि बूथ तक जाएंगे तो नोटा दबाएंगे।” बसपा के इस निर्णय से घोसी के सियासी में हलचल मचा है। क्योंकि घोसी में 90 हजार से ज्यादा दलित वोटर हैं जो किसी भी चुनाव के परिणाम को बदल सकते है।
बता दे, पिछले कई चुनावों में भी बसपा उम्मीदवार को यहां अच्छे खासे वोट मिले हैं। मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर हो रहे उप चुनाव में अब प्रचार नहीं होना है। पांच सितंबर को मतदान और 8 सितंबर को मतगणना होना है। इस चुनाव को सियासी नजरिए से बेहद अहम मानने के दो मुख्य कारण हैं।
घोसी में सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह को कांग्रेस और रालोद ने भी समर्थन दे दिया है। जिससे की लड़ाई आमने सामने की हो गई है। दोनों ही गठबंधन इस बात को अच्छे से जानते हैं कि इस चुनाव के जीत से कितना बड़ा मनोवैज्ञानिक लाभ मिलेगा।
वही, बसपा ने इस चुनाव में अपना उम्मीदवार नहीं खड़ा किया है। बसपा प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले विधायकों को तोड़ने के लिए दल बदल कानून लाया और फिर इससे दल बदल पर अंकुश लगाया गया।
अब किसी सदस्य को इस्तीफा दिलाकर अपनी पार्टी में शामिल कर चुनाव लड़ाने का नया नियम शुरू हो गया है। लेकिन इन सबका भार जनता पर पड़ता है। आगे कहा कि ऐसे चुनाव का हम और हमारे लोग कभी समर्थन नहीं करेंगे और बहिष्कार करते हैं। अगर कोई वोट देगा भी तो वे नोटा दबाएंगे।
इस सीट पर बीते तीन चुनाव के नतीजे की बात करे तो करीब 90 हजार से अधिक दलित मतदाताओं वाली सीट पर बसपा की पकड़ अब भी बहुत मजबूत है।
बसपा के अब्बास अंसारी को 2017 में 81,295 वोट मिले। साल 2019 के उपचुनाव में बसपा के अब्दुल कय्यूम अंसारी को कुल 50,775 वोट मिला था। वही वर्ष 2022 में यहां 54,248 मत बसपा प्रत्याशी वसीम इकबाल को मिले थे।