India News UP (इंडिया न्यूज़),Hanuman Jayanti 2024: आज हनुमान जयंती है। श्री राम जी के भक्त बजरंगबली हनुमान को (मंगलवार) का दिन समर्पित किया गया है। इस दिन इनकी पूजा अर्चना करने से ये प्रसन्न होते है, और अपने भक्तो के दुःख हर लेते है। हनुमान जी बहुत बलशाली माने जाते है, उनके प्रतिमा या चित्र में आपने उनके हाथ में गदा ज़रूर देखी होगी। उस गदा को देखकर कभी आपको सवाल आया की ये गदा हनुमान जी को किसने दिया, क्या इस गदा का कोई नाम भी है या क्या इस गदा के पीछे कोई कहानी जुड़ी है। आज इसी विषय पर जानकारी लेंगे।
आपने बाल हनुमान के सूरज निगलने वाली बात तो सुनी होगी , गदा हासिल होने का कारण उसी कहानी से है। धार्मिक ग्रंथो के अनुसार जब बल हनुमान ने सूरज को निगल लिया था, तब उस समय इंद्र देव के प्रहार से बेहोश हो गए थे। इस बात से वायु देव ने अपनी गति को रोक-कर पुरे त्रिलोक को अस्त-व्यस्त कर दिया था। उस समय ब्रम्हा जी ने अपने शक्तियों से हनुमान जी को पुनः जीवित किया, इसके बाद सारे देवी -देवताओ ने बाल हनुमान को कुछ न कुछ वरदान दिया। साथ ही उन्होंने अपने दिव्य अस्त्रों से हनुमान जी को अभय होने का भी दिया। और जब कुबेर देव आये उन्होंने हनुमान जी को वरदान के साथ गदा भी प्रदान की।
हनुमान जी के हाथ में यह गदा आपने देखी होगी , यहाँ गदा वो अपने बाएं हाथ में धारण करते है जिसके कारण उन्हें ” वामहस्तगदायुक्तम्” भी कहा जाता है। यह गदा ख़ास इसलिए है क्योंकि धार्मिक ग्रंथो के हिसाब से इस गदा का नाम कौमोदकी माना जाता है। यह गदा सोने की थी, जो कुबेर देव द्वारा उन्हें मिली थी। गदा आकार में विशाल और बेहद वज़न वाली थी। कुबेर जी ने गदा देने के साथ उन्हें यह वरदान दिया था की हनुमान जी इस गदा के साथ कभी किसी युद्ध में परास्त नहीं हो सकते। यहाँ तक की भूत प्रेत भी उनसे भयभीत रहेंगे। पर बजरंगबली बड़े बलशाली थे। उनकी शक्ति असीमित और अविश्वसनीय है। इसलिए गदा का प्रयोग बहुत कम करते थे।
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