India News(इंडिया न्यूज),Mangalwar: अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनिदोष है तो ज्योतिषी उसे हनुमान जी की पूजा करने की सलाह देते हैं। आपको हैरानी होगी लेकिन हनुमान जी की पूजा सिर्फ मंगलवार को ही नहीं बल्कि शनिवार को भी की जाती है। कई लोगों के मन में यह सवाल होता है कि हनुमान जी हमें शनिदेव के प्रकोप से कैसे बचा सकते हैं? शनिवार को भी क्यों की जाती है इनकी पूजा? हम आपको इसके बारे में बताएंगे…
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार हनुमानजी वन में भगवान राम की पूजा से आकर्षित हो गए थे। तभी शनिदेव आ गये। शनिदेव ने हनुमाजी की विकृत दृष्टि को छिपाने का प्रयास किया क्योंकि उनके पास ऐसी शक्तियां थीं जो किसी को भी नुकसान पहुंचा सकती थीं। उस समय उन्होंने हनुमानजी को युद्ध के लिए आमंत्रित किया, लेकिन हनुमानजी भक्ति में चूर थे और उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया। इस पर शनिदेव क्रोधित हो गए और हनुमानजी का ध्यान भटकाने की कोशिश की लेकिन असफल रहे। अंततः ध्यान पूरा होने पर हनुमानजी ने अपनी आंखें खोलीं और शनिदेव से बड़ी विनम्रता से पूछा, “हे महाराज, आप कौन हैं?” जब शनिदेव ने यह सुना तो क्रोधित होकर बोले, “मैं वही शनि हूं। जिसने तीनों लोकों को आतंकित कर रखा है और आज मैं तुम्हारी राशि में प्रवेश करता हूं।” अगर तुम मुझे रोक सकते हो तो रोक लो।
शनिदेव की बातें सुनकर हनुमान जी ने विनम्रतापूर्वक कहा, ‘आप अपना साहस कहीं और दिखा रहे हैं, मुझे अपने प्रभु श्री राम का ध्यान करने दीजिए।’ ऐसा होने पर हनुमान जी ने भी अपना हाथ झटक दिया और शनिदेव को अपना विकराल रूप दिखाया, लेकिन शनिदेव डरे नहीं और उन्होंने फिर से हनुमान जी का हाथ पकड़ने की कोशिश की, तब हनुमान जी ने अपनी पूँछ में लपेटकर उन पर गदा से प्रहार किया। इससे शनिदेव घायल हो गये। शनिदेव ने घाव पर सरसों का तेल लगाने को कहा। जब हनुमान जी ने शनिदेव को सरसों का तेल दिया तो शनिदेव ने कहा कि यदि कोई भक्त मुझे शनिवार के दिन सरसों का तेल चढ़ाएगा तो उसकी सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी। उन्होंने हनुमानजी के भक्तों को परेशान न करने की भी शपथ ली।
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