India News (इंडिया न्यूज़) Mathura News मथुरा : Mathura News राजस्थान के पोकरण का चर्चित परिवार, बड़े दादा व चाचा हाईकोर्ट के जज और नाती कृष्ण के प्रेम में ऐसा दीवान हुआ की किशोर अवस्था में ही भगवान श्रीकृष्ण को अपना पति मान गंदर्भ विवाह कर सखी बन गया। उनकी पहचान अब सखी महाराज से है। महिलाओं की भांति मांग भरना, हाथों में मेंहदी व चूडि़यां, पांवों में बिछुआ सहित राजस्थानी महिलाओं का परिधान लहंगा व कोटि ही उनकी पहचान है।
बचपन में नानी द्वारा दी गई गो सेवा की सीख ने 14 वर्षीय किशोर अशोक छंगाणी को कृष्ण भक्ति का दीवाना बना दिया। गो सेवा करते-करते योगीराज श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन होकर अंगिया चोली पहन सखी बन गया। बीते 27 वर्ष से वह गिरिराज तलहटी में निवास कर गो सेवा में मस्त है। आज इन्होंने श्रीकृष्ण संग वैवाहिक जीवन की 27 वींं सालगिरह 27 किलो शुद्ध दूध का केक का भोग अर्पित कर मनाई है।
सखी महाराज अशोक छंगाणी बताते हैं कि नौवीं कक्षा में पढ़ने के दौरान उनको कृष्ण भक्ति की अनूठी लगन लग गई थी। नानी से मिली गो सेवा की सीख से उन्होंने कृष्ण भक्ति को ही अपना जीवन बना लिया। फलौदी के नामचीन पुष्करणा ब्राह्मण परिवार से राजस्थान हाईकोर्ट के पहले जज बने लक्ष्मीनारायण छंगाणी उनके बड़े दादा थे।
उनके दादा डूंगरदास छंगाणी नामचीन वकील व नगर पालिका चेयरमैन रहे। पिता नमक व राशन कारोबारी थे। पिता का निधन हो गया तो संपन्न परिवार से होने के बावजूद घर का वैभव रास नहीं आया तथा पुष्टिमार्ग अपना कर वैष्णव बन गया।
उन्होंने बताया कि वर्ष 1996 में उन्होंने फलौदी के श्रीनाथ जी मंदिर में नंदोत्सव के दिन सखी रूप मेंं ऐसा नृत्य किया कि स्थानीय लोगों ने उनका कृष्ण के साथ ब्रह्म संबंध बनवा दिया। इसी के बाद उन्होंने सखी स्वरूप अपना लिया।
परम गो सेवक सागरिया बाबा के सानिध्य में वह बृज में आ गए तथा जतीपुरा मुखारबिंद मंदिर की सेवा करने लगे। वह कहते हैं कि शुरुआत में तो उनको बहुत उपेक्षित किया गया, चिढ़ाया गया, मगर कृष्ण प्रेम ने ऐसा रंग भर दिया कि बृजवासी भी उनकी भक्ति के मुरीद हैं। अब तो हर दिन सुबह जतीपुरा मुखारबिंद मंदिर पर मंगला आरती में वह कृष्ण को नृत्य कर रिझाते हैं।
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