India News (इंडिया न्यूज़), Nitish RJD Controversy : 28 जनवरी 2024 को बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है। एक बार फिर नीतीश कुमार ने राजद, कांग्रेस और वाम दलों के साथ महागठबंधन का साथ छोड़ दिया है और एनडीए में शामिल हो गए हैं। नीतीश कुमार ने 17 महीने तक महागठबंधन के साथ रहें। लेकिन बार कई घटनाएं हुई। जिसके कारण उन्होंने गठबंधन छोड़कर भाजपा से हाथ मिलाने का फैसला किया।
17 महीने में 17 कांड, नीतीश के नाराजगी के कारण (Nitish RJD Controversy)
- अगस्त 2022 में, महागठबंधन सरकार के गठन के बाद कानून मंत्री कार्तिक सिंह के विवाद से बीजेपी हमलावर हो गई। जिसके परिणामस्वरूप कार्तिक सिंह को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।
- आरजेडी कोटे के एक ओर मंत्री सुधाकर सिंह कृषि मंत्री रहते सार्वजनिक रूप से खुद को चोरों का सरदार कह रहे थे। जिससे महागठबंधन में तनाव बढ़ा और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
- रामचरितमानस पर मंत्री चन्द्रशेखर के बयान से विवाद खड़ा हो गया, जिससे नीतीश असहज हो गए और उन्होंने इस पर असहमति जताई।
- राजद विधायक फतेह बहादुर कुशवाहा के देवी-देवताओं पर दिए गए बयान से नीतीश असहज हो गए।
- महागठबंधन की सरकार बनने के कुछ महीने बाद से जगदानंद सिंह तेजस्वी यादव को सीएम बनाने की बात करनी शुरु कर दी। यह नीतीश को सबसे ज्यादा नागवार गुजरा था।
- तमिलनाडु में बिहारियों की पिटाई और सनातन विरोधी बयानों से नीतीश नाराज थे, क्योंकि डीएमके कांग्रेस की सहयोगी थी।
- इंडिया अलायंस की बैठक में लालू यादव ने राहुल गांधी को दूल्हा कहकर नीतीश को निराश कर दिया, जिससे नीतीश असहज हो गये।
- नीतीश को इंडिया गठबंधन में संयोजक नहीं बनाना भी एक कारण था जिससे वे असहज महसूस कर रहे थे।
- न तो कांग्रेस और न ही राजद ने भारत गठबंधन में सीट बंटवारे में रुचि दिखाई, जिससे नीतीश चिंतित थे।
- ममता बनर्जी ने मल्लिकार्जुन खड़गे को पीएम उम्मीदवार बनाया, जिससे नीतीश को अपनी भूमिका में अपर्याप्तता महसूस हुई।
- लालू यादव ने जेडीयू में विलय की बात कही थी, जिससे नीतीश काफी नाराज थे।
- लालू यादव ने अपने बेटे तेजस्वी को सीएम बनाने की कोशिश की, जिससे नीतीश असहमत थे।
- लालू यादव के दखल ने नीतीश को परेशान कर दिया, प्रशासन और तबादले में उनके बेहिचक हस्तक्षेप ने नीतीश को परेशान कर दिया था।
- जेडीयू सांसद मनोज झा के ठाकुर कविता विवाद से नाराज थे नीतीश कुमार।
- महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर जेडीयू ने अपनी 16 सीटें छोड़ने से इनकार कर दिया था, जबकि कांग्रेस और राजद उन पर कम सीटों पर चुनाव लड़ने का दबाव बना रहे थे।
- ललन सिंह और लालू यादव की बढ़ती नजदीकियों ने नीतीश कुमार नराज थे। इसलिए उन्होंने ललन सिंह को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
- शिक्षक बहाली और अन्य रोजगार का श्रेय तेजस्वी ले रहे थे। हालांकि, 2 नवंबर को शिक्षक नियुक्ति पत्र वितरण में मंच पर तेजस्वी का फोटो नहीं था। लेकिन आरजेडी ने बिहार के सारे अखबारों में पहले पेज पर विज्ञापन देकर तेजस्वी को पिछले 17 महीने में जातीय गणना समेत बाकी काम के लिए धन्यवाद दिया। जिससे नीतीश कुमार काफी नाराज हुए। इसलिए वहां महागठबंधन को तोड़कर NDA में शामिल हो गए।
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