India News UP (इंडिया न्यूज़),Railway Knowledge: भारत में ट्रैन से सफर करने वाले लोगों की जनसँख्या सबसे ज्यादा है। मतलब आप बोल सकते है कि भारतीय लोग सफर के लिए सबसे ज्यादा ट्रैन से उपयोग करते है। ज्यादा तर दूर की सफर वाले लोगों का अपना डेस्टिनेशन रात में ही आता है। लोग टिकट तो ले लेते है मगर रात में डर की वजह से आते नहीं कि कही उनका स्टेशन निकल न जाए। जिसके कारण वो पूरी रात जग कर अपनी नींद ख़राब करते है। इंडिया रेलवे ने ऐसे लोगों का ख्याल रखते हुए नया नियम बनाया है।
ट्रेन से यात्रा करते समय कई यात्री ऐसे होते हैं जिनका गंतव्य स्टेशन रात में आता है, वे इस डर से पूरी रात सो नहीं पाते हैं कि कहीं उनका स्टेशन छूट न जाए। इस तरह हम पूरी रात जागकर बिता देते हैं और इसी तरह अगले दिन भी सोते रहते हैं। आपको पता होना चाहिए कि रेलवे ने ऐसे यात्रियों के लिए नियम बनाए हैं और इसके तहत ऐसे यात्रियों को जगाने की जिम्मेदारी टीटी की है। आइये जानते हैं रेलवे के नियम।
भारतीय रेलवे ने ट्रेनों से यात्रा करने वाले यात्रियों को विशेष सुविधाएं देने के लिए नियम बनाए हैं। ट्रेन स्टाफ के लिए इस नियम का पालन करना अनिवार्य है। अगर कोई इस संबंध में लापरवाही बरतता है तो शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
रेलवे मैनुअल के मुताबिक, प्रीमियम ट्रेन राजधानी, तेजस, दुरंतो और मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों के एसी कोच में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच अगर कोई यात्री गंतव्य स्टेशन पर पहुंचता है तो उसे जगाने की जिम्मेदारी टीटी की होती है। उसे सुविधापूर्वक उतार दें। इसके लिए टीटी के पास एक वेक अप मेमो है।
टिकट चेकिंग के दौरान रात में चढ़ने वाले यात्रियों का नाम और सीट नंबर मेमो में लिखना होगा। और स्टेशन पर पहुंचने से पहले कोच अटेंडेंट को भेजकर जगाना होगा और गंतव्य स्टेशन के बारे में बताना होगा। इतना ही नहीं, अगर किसी यात्री को रात में एक स्टेशन पर उतरकर दूसरी ट्रेन पकड़नी है (टिकट का पीएनआर एक ही होना चाहिए) तो उसे उसकी ट्रेन और प्लेटफॉर्म की जानकारी देना भी नियमों में शामिल है। अगर कोई टीटी इस मामले में लापरवाही बरतता है तो उसके खिलाफ शिकायत भी दर्ज करायी जा सकती है।
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