India News (इंडिया न्यूज़),Banke Bihari Mandir: इस साल 28 अक्टूबर शरद पूर्णिमा है और बड़ी तादाद में श्रद्धालु कान्हा की नगरी वृंदावन दर्शन के लिए आएंगे। शरद पूर्णिमा की धवल चांदनी में अपने आराध्य के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी यहां पहुंचते हैं। किन्तु, इस बार चंद्रग्रहण के कारण कान्हा जी के दुर्लभ दर्शन नहीं सकेंगे। इसके लिए श्रद्धालुओं को अगली पूर्णिमा का इंतजार करना होगा।
शरद पूर्णिमा के दिन इस साल का अखरी ग्रहण लगेगा। ये ग्रहण भारत में दिखाई देगा। जिसके कारण इसे ग्रहण का सूतक काल भी माना जाएगा। सूतक काल के शुरू होते ही पूजा पाठ नही की जाती। श्रद्धालुओं का मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध होता है। जिसके कारण देश के सभी मंदिरों के समेत पूजा के समय में भी बदलाव किया जाएगा।
दरअसल शरद पूर्णिमा पर साल का एक ही दिन होता है जब ठाकुर बांकेबिहारी मुरली बजाते हुए महारास की मुद्रा में चंद्रमा की धवल चांदनी में भक्तों को दर्शन देते हैं। जिसका इंतजार भक्त पूरे साल करते हैं। इस बार 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण के कारण ऐसा नहीं होगा। 28 अक्तूबर को दोपहर के बाद 3.30 में बांकेबिहारी मंदिर के पट बंद हो जाएंगे। इस स्थिती में भक्तों की चंद्रमा की धवल चांदनी में बांकेबिहारी के दर्शन करने की इच्छा पूरी नहीं हो पाएंगी।
इसके बाद 3 बजे शयन आरती होगी इसके बाद साढ़े 3 बजे मंदिर के पट बंद हो जाएंगे और उसके बाद उस दिन श्रद्धालु अपने आराध्य के दर्शन नहीं कर पाएंगें। इसके अगले दिया यानी 29 अक्टूबर को सामान्य दिनों की तरह ही श्रद्धालु बांके बिहारी जी का दर्शन कर सकेंगे।
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