होम / Triyugi Narayan Temple: एक ऐसा मंदिर जो महाभारत काल में हुआ था स्थापित, जानें इसके बारे में संपूर्ण जानकारी 

Triyugi Narayan Temple: एक ऐसा मंदिर जो महाभारत काल में हुआ था स्थापित, जानें इसके बारे में संपूर्ण जानकारी 

• LAST UPDATED : September 22, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Triyugi Narayan Temple: त्रियुगी नारायण मंदिर, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। यह मंदिर इसलिए अधिक खास है क्योंकि इसी स्थान पर भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसी मंदिर में भगवान शिव और मां पार्वती ने सात फेरे लिए थे। कहा जाता है कि तब से लेकर आज तक ये अग्नि धुनी जल रही है। यहां तक कि तीन युग बीत जाने के बाद भी इस मंदिर में जलती धुनी आज तक बुझी नहीं है। इसीलिए इस मंदिर को त्रियुगी मंदिर कहा जाता है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, उन्होंने ही शिव-पार्वती का विवाह करवाया था।

जानें त्रियुगी नारायण मंदिर के बारे में 

इतिहास: त्रियुगी नारायण मंदिर का निर्माण महाभारत के काल में हुआ था, और इसे महर्षि व्यास ने स्थापित किया था। मंदिर का निर्माण पत्थरों से किया गया है और यह अपने आदिकालीन वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।

त्रियुगी: नाम में “त्रियुगी” शब्द का उपयोग किया गया है, जिसका अर्थ है “तीन युगों का”। इसका मतलब है कि यहां पर भगवान का ध्यान तीन युगों (सतयुग, त्रेतायुग, और कलियुग) के दौरान किया जाता आ रहा है।

संगम: यहां पर यमुना, सरस्वती, और गंगा की संगम होता है, जिसे त्रियुगी संगम के रूप में जाना जाता है। यहां पर स्नान करने का महत्वपूर्ण स्थान है, और यह तीनों नदियों की मान्यता है कि वे यहां पर मिलती हैं।

त्रिकाल यज्ञ: त्रियुगी नारायण मंदिर में त्रिकाल यज्ञ का आयोजन होता है, जिसमें सुबह, दोपहर, और शाम के समय यज्ञ होता है। यहां पर यजमान भगवान के लिए हवन आदि करते हैं और धार्मिक अद्यात्मिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।

अन्य मंदिर: त्रियुगी नारायण मंदिर के पास कई और मंदिर भी हैं, जैसे कि भैरवनाथ मंदिर, कपिल मुनि मंदिर, और अक्षय वटिका तीर्थ। ये स्थल धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के साथ-साथ पर्यटन के लिए भी प्रसिद्ध हैं।

Triyuginarayan Temple 18.05.17-4 - Newstrend

त्रियुगी नारायण मंदिर एक महत्वपूर्ण हिन्दू तीर्थ स्थल है जो धार्मिक और आध्यात्मिक प्राथमिकता रखता है, और यहां के संगम का दृश्य और धार्मिक महत्व यात्रीगण को खींचता है।

Read more: History of Kedarnath Temple: महाभारत के काल से जुड़ा हुआ है श्री केदारनाथ मंदिर का इतिहास, जानें मंदिर से जुड़ी रोचक जानकारियां

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox