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UP Politics : ‘मुस्लिम स्वीकार लें … ज्ञानवापी और मथुरा को लेकर सीएम योगी के समर्थन में उतरे साधु संत

• LAST UPDATED : February 9, 2024

India News (इंडिया न्यूज़) UP Politics : (UP Politics) सीएम योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी और मथुरा को लेकर सदन में बयान दिया। अब वाराणसी के साधु-संत भी उतर आए हैं। संतों ने सीएम योगी का समर्थन करते हुए कहा कि मुसलमानों को इस मुद्दे पर पहल करनी चाहिए, अगर वे ऐसा नहीं करेंगे तो उन्हें नुकसान होगा क्योंकि कोर्ट के जरिए फैसला हिंदुओं के पक्ष में आना है। इस मुद्दे पर मुस्लिम पक्ष की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है। इस्लामिक हैंड्स ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ने सभी से शांतिपूर्वक कोर्ट के फैसले का इंतजार करने की अपील की और कहा कि भारत को भारत ही रहने दें।

स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि 

वाराणसी में अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा काशी और मथुरा को अपने एजेंडे में लेना संत समाज के लिए सुखद अनुभूति है। हम मुख्यमंत्री की बातों का तहे दिल से स्वागत करते हैं। संत समिति मुस्लिम समुदाय से अपील करती है कि वे योगी जी के प्रस्ताव को स्वीकार करें जो उनके हित में होगा।

समर्थन में उतरे साधु-संतों ने कहा (UP Politics) 

श्री दुर्गा मातृ शक्ति छाया पीठ की अध्यक्ष साध्वी गीताम्बा तीर्थ ने भी इसका समर्थन किया और कहा कि मुसलमानों को मुख्यमंत्री की बातों पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि हिंदुओं को इसे अदालत के माध्यम से प्राप्त करना होगा। सारे सबूत हिंदुओं के पक्ष में हैं, ऐसे में अगर मुस्लिम समाज बड़ा दिल लेकर हिंदुओं के पास आता है तो यह उनकी उदारता और महानता होगी क्योंकि उन्हें कानूनी लड़ाई हारनी पड़ती है। मुस्लिम समुदाय के जो लोग कोर्ट के फैसले को नहीं मानते उन्हें निर्वासित किया जाना चाहिए, जो लोग कोर्ट की बात नहीं मानते और सबूतों को नहीं मानते उन्हें भारत में रहने का कोई अधिकार नहीं है।

इतिहास में कुछ बातें हुई होंगी

(UP Politics) इस पूरे मामले पर इस्लामिक हैंड्स ऑफ इंडिया के अध्यक्ष शाह मेराज अहमद ने सभी से हाथ जोड़कर अपील करते हुए कहा कि भारत को भारत ही रहने दें। संभव है कि इतिहास में कुछ बातें हुई होंगी, कुछ गलतियाँ हुई होंगी जिनके बारे में हम नहीं जानते। उन बातों को अदालत में पेश किया जाना चाहिए और अदालत द्वारा दिए गए फैसले को सर्वमान्य किया जाना चाहिए और भारत की अखंडता को बनाए रखा जाना चाहिए। हमारा सुप्रीम कोर्ट सबकी बात सुनकर फैसले लेता है।

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