India News (इंडिया न्यूज), Ghazipur News :11 सितंबर को तुलसी सागर मोहल्ले में जानलेवा हमले में युवक आलोक बलवंत को लगी थी गोली कोतवाल और चौकी इंचार्ज ने पीड़ित द्वारा गोली मारे जाने की जानकारी देने के बावजूद भी मारपीट का दर्ज किया गया मामला।
कंधे में लगी गोली से परेशान पीड़ित युवक पिता के साथ 3 दिन बाद प्राइवेट एक्सरे कराने के बाद पता चला कंधे में फांसी है गोली एक्सरे के साथ पीड़ित अपने पिता के साथ 4 दिन बाद फिर पहुंचा कोतवाली, बताया गोली की घटना लेकिन फिर भी नहीं सुने कोतवाल, पीड़ित को फटकार लगाते भगाया कोतवाली से ।
पीड़ित अपने परिजन के साथ बीजेपी एमएलसी विशाल सिंह चंचल के दरबार मे लगाई गुहारएमलसी ने कोतवाल और चौकी इंचार्ज को फटकार लगाते हुए सीओ को बुलाकर उनके सामने बताई पूरी घटना
घटना की जानकारी पर गोली से घायल पीड़ित को पुलिस ने कल जिला अस्पताल में कराया भर्तीआज युवक के कंधे से ऑपरेशन कर निकाली गई गोली सदर कोतवाली के तुलसी सागर मोहल्ले के मामला ।
गाजीपुर के सदर कोतवाली क्षेत्र में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। पुलिस ने हत्या के प्रयास के मामले को महज मारपीट में दर्ज किया मुकदमा । इतना ही नही युवक को गोली मारने की इस घटना में पुलिस ने युवक का मेडिकल परीक्षण तक कराने की जहमत नही उठायी। गोली लगने से घायल युवक एक हफ्ते तक न्याय की गुहार लगाता रहा। लेकिन सदर कोतवाली के प्रभारी पीड़ित और उसके परिजनों को थाने से दुत्कार कर भगाते रहे।
एक हफ्ते बाद जब पीड़ित युवक और उसके परिजन एमएलसी विशाल सिंह चंचल के कार्यालय पर न्याय की फरियाद लेकर पहुंचे, तो एमएलसी विशाल सिंह चंचल की कड़ी फटकार के बाद सदर कोतवाली के प्रभारी और सीओ सिटी ने युवक को मेडिकल कालेज में भर्ती कराया। जहां युवक का ऑपरेशन कर डॉक्टरों ने उसके बाएं कंधे में धंसी गोली निकाली। पीड़ित युवक का मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा है। जबकि इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका संदिग्ध बनी हुई है।
पूरा मामला गाजीपुर सदर कोतवाली क्षेत्र के तुलसीसागर मुहल्ले के है। जहां रहने वाले युवक आलोक बलवंत को पिछले 11 सितम्बर को मामूली विवाद में दबंगों ने गोली मार दी। जो उसके बाएं कंधे में लगी।घटना के बाद पीड़ित और उसके परिजनों ने स्थानीय पुलिस से शिकायत की। युवक को गोली मारने की इस घटना को लेकर पुलिस ने अपना खेल शुरू कर दिया। थाने पहुंचे पीड़ित के केस हत्या के प्रयास के बजाय महज मामूली मारपीट में दर्ज किया गया। पीड़ित के बार बार कंधे में गोली लगने की बात कहने के बावजूद पुलिस अपनी मनमर्जी पर डटी रही।
पुलिस ने पीड़ित का मेडिकल कराने तक कि जरूरत नही समझी। इतना हो नही पीड़ित और उसके परिजनों के जोर देने पर कोतवाल ने उन्हें थाने से डांटकर भगा दिया।स्थानीय स्तर पर युवक ने अपने घाव की मरहम पट्टी कराई। युवक ने जब कंधे का एक्स रे कराया तो कंधे में गोली फंसी मिली। युवक ने फिर पुलिस से गुहार लगाई, लेकिन पुलिस ने कोई सुनवाई नही की।
ऐसे में पीड़ित युवक और उसके परिजन 17 सितम्बर को एमएलसी विशाल सिंह चंचल से उनके कार्यालय पर जाकर मिले, और आपबीती बताई। जिसके बाद एमएलसी विशाल सिंह चंचल ने कोतवाल और सीओ सिटी को फौरन अपने ऑफिस तलब किया। जो सीसी टीवी कैमरे में भी देखा जा सकता है। कि कोतवाल और एक अन्य एसआई एमलसी के साथ बैठे हुए है और बाद में सीओ सिटी काले रंग की टी शर्ट पहने एमएलसी के यहां पहुंचे। जहां पर सीओ सिटी एक्सरे की कॉपी देखा। वहीं
एमएलसी ने इस मामले को लेकर दोनों को कड़ी फटकार लगाई। मामला एमएलसी के संज्ञान में आने के बाद पुलिस हरकत में आई, और पीड़ित युवक को मेडिकल कालेज ले गयी। जहां उसे भर्ती किया गया। मेडिकल कालेज में डॉक्टरों ने युवक के 19 सितम्बर को ऑपरेशन कर कंधे में धंसी गोली निकाली।
जिसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।जिस युवक को पुलिस महज मारपीट में मामूली घायल बता कर मामले की लीपापोती में जुटी हुई थी। उसी युवक के कंधे से गोली निकलने के बाद पुलिस अफसरों के हाथ पांव फूल गए।
पुलिस की इस बड़ी लापरवाही और मनमाने रवैये से एक हफ्ते तक युवक के जिस्म में पिस्टल की गोली धंसी रही, और वो दर्द से बेहाल रहा। लेकिन पुलिस अपनी मनमानी करती रही। जबकि गोली जिस्म में धंसी रहने से उसके जान पर लगातार खतरा बना हुआ था।
फिलहाल इस मामले की जानकारी होते ही एसपी ने संज्ञान लिया और आनन फानन सदर कोतवाल तेजबहादुर सिंह और चौकी इंचार्ज अभिषेक सिंह को निलंबित कर दिया। जबकि आरोपी अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। इस मामले को लेके पुलिस की कार्यप्रणाली पर गम्भीर सवालिया निशान खड़े है। पूरे मामले में शुरू से ही स्थानीय पुलिस की भूमिका संदिग्ध बनी हुई है।