India News (इंडिया न्यूज़), Sushil Kumar, Gorakhpur Breaking: 16 साल बाद गोरखपुर दंगे का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, 2012 में आजीवन कारावास की मिली थी सजा, तब से आरोपी चल रहा था फरार, जी हां गोरखपुर में कोतवाली पुलिस ने एक ऐसे शख्स को पकड़ कर सलाखों के पीछे भेज दिया है, जो पिछले 16 सालो से फरार चल रहा था, गोरखपुर में 2007 के दंगे मामले में मुख्य आरोपी चल रहा था फरार, जिसे पुलिस ने 16 साल बाद गिरफ्तार किया गया है।
गोरखपुर में दंगे के मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, गोरखपुर दंगे का मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। साल 2007 में हुआ था गोरखपुर दंगा, सीएम योगी जो की मौजूदा समय में बतौर सांसद थे। उन्हें दंगे के बाद 11 दिन जेल में गुजरना पड़ा था, तत्कालीन गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ जमानत पर छूटने के बाद बोलने के दौरान 12 मार्च 2007 को संसद में फूट-फूट कर रोए थे, 27 जनवरी 2007 को गोरखपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र के दीवान बाजार के रहने वाले राजेंद्र प्रसाद अग्रहरी ने पुलिस को दी थी, बेटे राजकुमार अग्रहरि की हत्या की जानकारी, साल 2007 में मोहर्रम के दिन जुलूस के दौरान हुई थी घटना, आरोपियों ने राजकुमार अग्रहरि को टारगेट कर बनाया था, तलवार और चाकूओं से ताबड़तोड़ हमला कर की थी हत्या, हत्या के बाद गोरखपुर में दंगा भड़क गया था |
गोरखपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र के एक मिनारा मस्जिद नसीराबाद के पास आमलेट के ठेले पर विवाद के बाद गोरखपुर के तिवारीपुर थाना क्षेत्र के निजामपुर के रहने वाले मोहम्मद शमीम पुत्र शफीउल्लाह और उसके साथियों ने राजकुमार अग्रहरि को चाकुओं से गोद दिया था। मृतक राजकुमार अग्रहरि के पिता राजेंद्र अग्रहरि ने फिर ने मोहम्मद शमीम और उसके साथियों के खिलाफ तहरीर दी थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 147, 148, 149, 298 के तहत किस दर्ज किया था। आमलेट के ठेले पर किसी बात को लेकर मृतक राजकुमार अग्रहरि से विवाद हुआ था, इसके बाद मोहम्मद शमीम और उसके साथियों ने एकजुट होकर धर्म सूचक गालियां देते हुए राजकुमार को ताबड़तोड़ हमला कर दिया था। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में राजकुमार की मौत हो गई थी। शमीम को कोतवाली पुलिस ने अरेस्ट कर जेल भेजा था।
16 अगस्त 2007 को कोर्ट से शमीम को जमानत मिल गई थी। इसके बाद से ही वह फरार चल रहा था, और फिर कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया, लेकिन उसके बाद भी वह कोर्ट में तारीख पर हाजिर नहीं हो रहा था। इस मामले में उसे साल 2012 में कोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है। पुलिस ने 11 सितंबर को उसे उसके तिवारीपुर के निजामपुर स्थित घर से अरेस्ट कर कोर्ट में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया। बताया जाता है कि घटना के दिन तिवारीपुर थानाक्षेत्र से मोहर्रम का जुलूस निकल रहा था। इसी दौरान कोतवाली थाना क्षेत्र के एक मिनारा मस्जिद नफीसाबाद के पास तलवार और चाकू से राजकुमार पर हमला किया गया था।
जुलूस के साथ मौजूद पुलिस टीम ने घायल अवस्था में जब राजकुमार को जीप में अस्पताल ले जाने के लिए पीछे बेसुध हालत में रखा तो आरोपियों ने दोबारा उसे जीप से खींचकर ताबड़तोड़ हमला कर दिया था। इसके बाद गोरखपुर में दंगा भड़क गया था, और काफी माहौल खराब होने के बाद घटना के विरोध में सड़क पर उतरे तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ और उनके साथ मौजूद लोगों को अरेस्ट कर जेल भेज दिया गया था, लेकिन आज इसमें पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है, और पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया है ।
16 साल बाद कोतवाली पुलिस ने उस आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, जो गोरखपुर दंगे का मुख्य आरोपी था, और 2007 से वो फरार चल रहा था, इसके साथ ही 2012 में उसे आजीवन कारावास की सजा भी न्यायालय से सुनाई गई थी, लेकिन तबसे वो फरार चल रहा था, और काफी दिनों से इसी गोरखपुर में वो रह रहा था, और पुलिस को भनक नही थी, लेकिन अब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है, उसे सलाखों के पीछे भेज दिया है, उससे पूछ ताछ में पता चला, कि 2007 के बाद वो चेन्नई चल गया था, और फिर जब वापस गोरखपुर आया तो वो अपने घर के बजाय एक किराए के मकान में रह रहा था, लेकिन पुलिस को जैसे ही पता लगा पुलिस ने उसे धर चबोचा, और उसे जेल भेज दिया |
गोरखपुर में जिस तरह से कोतवाली पुलिस ने आज गोरखपुर दंगे में मुख्य आरोपी फरार चल रहे मोहम्मद शमीम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया जिसे सलाखों के पीछे भेज दिया, 16 साल बाद पुलिस को ये बड़ी कार्यवाही हाथ लगी है, और जिस दंगे के कारण मौजूदा सांसद योगी आदित्यनाथ को रोना तक पड़ा और उन्हें 11 दिन तक जेल में बिताना पड़ा था, और मुख्य आरोपी जमानत पर छुट कर फरार चल रहा था जिसे आज गिरफ्तार कर लिया गया और उसे उसके असल ठिकाने सलाखों के पीछे भेज दिया गया |