India News UP (इंडिया न्यूज़), UP News: बाबा केदारनाथ छह महीने समाधि में रहते हैं। मंदिर के कपाट बंद होने के अंतिम दिन चढ़ावे के बाद सवा क्विंटल भभूति चढ़ाई जाती है। कपाट खुलने के साथ ही बाबा केदारनाथ समाधि से जागते हैं।
विश्व प्रसिद्ध भगवान केदारनाथ धाम के कपाट वैदिक नियमानुसार और विधि विधान के साथ आम श्रद्धालुओं के कपाट खोल दिए गए। केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग और मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग ने प्रसासन एवं बीकेटीसी के अधिकारियों ने द्वार खोला। सुबह 7:00 बजे मंदिर के कपाट खुलते ही भक्तों के जय बाबा केदार के जयकारों के साथ दर्शन शुरू हुए।
कपाट खोलने के मौके पर हेलीकॉप्टर द्वारा मंदिर में फुल बरसाए गए। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने धाम पहुंचकर बाबा केदारनाथ के दर्शन किए।प्रथा है कि बाबा केदारनाथ छह महीने समाधि में रहते हैं। मंदिर के कपाट बंद होने के अंतिम दिन पर चढ़ावे के बाद सवा क्विंटल भभूति चढ़ाई जाती है। कपाट खुलने के साथ ही बाबा केदारनाथ समाधि से जाग उठते है। इसके बाद श्रद्धालु दर्शन करते है।
ALSO READ:Ghazipur: कांग्रेस की सोच हमेशा देश को कमजोर बनाने वाली… डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दिया बयान
12 मई को श्रीबदरीनाथ धाम के कपाट खुल रहे हैं। श्री बदरीनाथ धाम से संबंधित पांच दशक पहले समाप्त हुई रावल पट्टाभिषेक की ऐतिहासिक परंपरा पुनर्जीवित होने से बदरी-केदार मंदिर समिति के पदाधिकारियों समेत लोगों ने खुशी जताई है।
इस साल श्री बदरीनाथ धाम के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी का पट्टाभिषेक किया गया। इससे पहले वर्ष 1977 में रावल टी केशवन नंबूदरी का पहला पट्टाभिषेक हुआ था।इसके बाद यह प्रथा रुक गई थी।
ALSO READ:UP News: समलैंगिक संबंधों के कारण दो लड़कों की हत्या, बॉयफ्रेंड से थी शादी की ज़िद