India News (इंडिया न्यूज) Meerut News: पश्चिम यूपी के मेरठ में संचालित लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में बने सुपरस्पेशल्टी डिपार्टमेंट में अब आधुनिक सुविधाओं से मरीजों को ईलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। इस दौरान पहली बार एक 2 साल की बच्ची के दिल में छेद पाया गया, जिसका उपचार उपकरण के माध्यम से सफलतापुर्वक किया गया।
उपकरण के माध्यम से बंद करना तकनीकी रूप से मुश्किल साबित होता है
लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में बने सुपरस्पेशल्टी विभाग में संचालित हृदय रोग विभाग के सहायक आचार्य शशांक पांडे ने बताया कि इस प्रकार के डिफेक्ट आमतौर पर ओपन हार्ट सर्जरी के द्वारा ही बंद किए जाते हैं। बिना चीरे के रक्त वाहिकाएं द्वारा उपकरण के माध्यम से बंद करना तकनीकी रूप से मुश्किल साबित होता है।
2 साल की मासूम बच्ची की सफलतापुर्वक जान बचाई गई
लेकिन मेडिकल कॉलेज में नई तकनीक का उपयोग करते हुए डॉक्टर सीबी पांडे, डॉक्टर सुभाष दहिया समेत उनकी पूरी टीम द्वारा 2 साल की मासूम बच्ची की सफलतापुर्वक जान बचाई गई है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में भर्ती 2 साल की आराध्या के दिल के छेद हो गया था। जिसमे रक्त वाहिकाएं द्वारा उपकरण के माध्यम से बंद किया गया और अब बच्ची पूर्ण रूप से स्वस्थ है।
आराध्या जन्म से ही हृदय रोग से पीड़ित थी
मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी ने बताया कि, जिला मेरठ निवासी प्रदीप कुमार की 2 साल पुत्री आराध्या जन्म से हृदय रोग से पीड़ित थी। जिसके कारण उन्होंने मेडिकल कॉलेज हृदयरोग विभाग में डॉक्टर शशांक पांडे से संपर्क किया। आराध्या के दिल की बाएं और दाएं वेंट्रिकल के बीच दीवार में एक छेद पाया गया था। इसके चलते दिल का बायां हिस्सा भी थोड़ी फैल गई थी, जिसका उपचार डॉक्टरों ने सफलतापुर्वक किया।
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