India News (इंडिया न्यूज), संसू, बाजारशुकुल, (अमेठी) : खेममऊ के गुजरन का पुरवा में शनिवार, 19 अगस्त को जल जीवन मिशन के तहत खोदे गए बोरिंग के गड्ढे में गिरकर मासूम शहरान की मृत्यु हो गई थी। मामले की कार्रवाई करने की बजाय प्रशासनिक अमला मृतक मासूम के परिवारजनों से समझौता कराने में जुट गई। आज, रविवार को परिवारजनों को मुआजवा देकर लापरवाही पर पर्दा डाल दिया गया है।
गौरतलब है, जल जीवन मिशन योजना का काम जल उपलब्ध कराना है जिससे जीवन मिलता है,लेकिन विपरीत काम हुआ। जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत हर घर नल से जल पहुंचाने का कार्य जिले में गतिमान है। योजना के तहत खेममऊ के गुजरन का पुरवा गांव में पानी की टंकी बनाने के लिए गड्ढा खोदा गया था। बोरिंग सफल न होने पर गड्ढे को खुला छोड़ दिया गया। शनिवार की शाम बच्चे के खेलते समय गांव के ही शारूख का तीन वर्षीय मासूम बोरिंग के पानी के लिए खोदे गए गड्ढे में गिर गया था। गड्ढे में भरे पानी में डूबने से उसकी मौत हो गयी। बच्चे के मौत के बाद ग्रामीण हंगामा काटने लगे। इसके बाद हरकत में आया प्रशासन भी ग्रामीणों और परिवारजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करने की बजाए कार्यदायी संस्था हीर कंस्ट्रक्शन की लापरवाही छुपाने में जुट गयी। हालांकि इस मुहिम में प्रशासनिक अफ़सर व कार्यदायी संस्था कामयाब भी हुई। आज, रविवार को मृतक मासूम की माँग रेशम बानो को बैंक खाते में पांच लाख रुपये और परिवार के एक सदस्य को नौकरी का प्रलोभन देकर लापरवाही पर पर्दा डाल दिया गया। समझौता के दौरान नायब तहसीलदार बलबीर सिंह, थानाध्यक्ष अवनीश कुमार चौहान, जल जीवन मिशन के प्रोजेक्ट मैनेजर अजय राज सिंह और जिला प्रोजेक्ट प्रभारी जग्या ठाकुर, पूर्व प्रधान राम सुंदर यादव, प्रधान सरजू पाल व प्रधान प्रतिनिधि बृजेश तिवारी भी मौजूद रहे।
गुजरन का पुरवा में पानी टंकी निर्माण शुरू होने से पहले ही इसका ग्रामीणों ने विरोध किया था। इसके बावजूद, गांव में ही निर्माण शुरू कराया गया। ग्रामीणों में शाकिर, हकीक, नईम, जाबिर, इंसाद, रियाज, सलमान, दुर्गा बक्श सिंह का आरोप है कि कार्यदायी संस्था व प्रशासनिक अफ़सरों के गैर जिम्मेदाराना रवैया के चलते मासूम बच्चे की जान गई है।
जिले में करीब 427 ग्राम पंचायतों में जल जीवन मिशन का कार्य चल रहा है। गड्ढा खोदने के बाद व कार्य संपन्न होने के बाद उसे पाटने का निर्देश है, लेकिन अधिशाषी अभियंता की ओर से गड्ढा पाटने के लिए 15 बार कार्यदायी संस्था को नोटिस दिया गया है। इसके बावजूद कार्यदायी संस्था की मनमानी के चलते एक मासूम बच्चे को जान गवानी पड़ी।
जानकारी के अनुसार, अधिशाषी अभियंता बीपी सिंह ने बताया कि सहायक अभियंता विपिन चंद्र, टीपीआई राजीव श्रीवास्वत व अवर अभियंता राजकुमार यादव को जांच अधिकारी नामित कर दिया गया है। जो दो दिन के भीतर रिपोर्ट देंगें। रिपोर्ट मिलने के बाद के आगे की कार्रवायी की जाऐगी। आपको बता दें कि जिले में करीब 427 ग्राम पंचायतों में जल जीवन मिशन का कार्य चल रहा है। गड्ढा खोदने के बाद कार्य व संपन्न होने के बाद उसे पाटने का निर्देश है, लेकिन अधिशाषी अभियंता की ओर से गड्ढा पाटने के लिए 15 बार कार्यदायी संस्था को नोटिस दिया गया है। इसके बावजूद कार्यदायी संस्था की मनमानी के चलते एक मासूम को जान गवानी पड़ी।
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