India News (इंडिया न्यूज़),Hardoi News : उत्तर प्रदेश के भाजपा विधायक माधवेंद्र सिंह ने सवायजपुर की खाद्य सुरक्षा अधिकारी को गाली दी और अभद्रता की। दरवाजा खोलकर मारने के लिए उतरने लगे। इतना ही नहीं खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनुराधा कुशवाहा के चालक अखिलेश सिंह को विधायक के साथ आए लोगों ने पकड़ कर मारा-पीटा।
सवायजपुर की खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने क्षेत्रीय विधायक पर गाली गलौज करने और उनके साथियों पर कार की चाबी छीन लेने का आरोप लगाया है। विधायक के साथियों पर मारपीट का आरोप भी लगाया है। विधायक ने आरोपों से इनकार किया है। सवाजपुर की खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनुराधा कुशवाहा हैं।
शहर कोतवाली में दी तहरीर में उन्होंने बताया कि बीते 13 अक्टूबर को सवायजपुर में प कुछ स्कूली छात्राएं मोमोज व फिंगर चिप्स खाने के बाद बीमार हो गई थी। उस दिन विभागीय कार्य से लखनऊ गई थीं। एसडीएम के निर्देश पर सोमवार को वह सवाजपुर क्षेत्र में खाद्य सामग्री की दुकानों का निरीक्षण करने और नमूने भरने के लिए गईं थीं। सवायजपुर स्थित सैनी मिष्ठान भंडार पर नमूना भरने की कार्रवाई कर रहीं थीं। आरोप है कि इसी बीच क्षेत्रीय विधायक माधवेंद्र सिंह और उनके समर्थक वहां पहुंच गए।
आरोप है कि विधायक ने उन्हें गाली दी और अभद्रता की। दरवाजा खोलकर मारने के लिए उतरने लगे। इतना ही नहीं अनुराधा कुशवाहा के चालक अखिलेश सिंह को विधायक के साथ आए लोगों ने पकड़ लिया और कार की चाबी छीन ली। मारा पीटा और खाद्य सुरक्षा अधिकारी को सवायजपुर में नजर न आने की धमकी दी।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने घटना की जानकारी एसडीएम सवायजपुर को फोन पर दी। एसडीएम ने मौके पर पुलिस बल भेजा और पुलिस की सुरक्षा में उन्हें तहसील बुला लिया। खाद्य सुरक्षा अधिकारी का यह भी आरोप है कि विधायक के भतीजे व चार समर्थकों ने उन पर समझौता करने के लिए दबाव भी बनाया।
पूरे मामले में विधायक माधवेंद्र प्रताप सिंह रानू का कहना है कि सारे आरोप निराधार हैं ।वह अपनी भाभी को दवा लेने जा रहे थे। उसी दौरान व्यापारियों की भीड़ ने उन्हें रोका और उत्पीड़नत्मक कार्रवाई से बचाने की लगाई गुहार। इस पर उन्होंने खाद्य सुरक्षा अधिकारी से बातचीत की थी। उधर, दूसरी ओर सैनी मिष्ठान भंडार के प्रोपराइटर विजय सैनी ने सवायजपुर थाने में खाद्य सुरक्षा अधिकारी के खिलाफ तहरीर दी है। तहरीर में विजय सैनी ने कहा है कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी उनकी दुकान पर आईं और 20 हजार रुपये की मांग की। रुपये न देने पर उन्होंने झूठे मामलों में फंसाने की धमकी भी दी।
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