India News(इंडिया न्यूज़),Kashi Vishwanath: एक तरफ दुनिया तेजी से संघर्ष की ओर बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर मुस्लिम समुदाय की ओर से संघर्ष को खत्म करने के लिए एक बड़ी पहल शुरू की गई है। 1669 में जब औरंगजेब ने ज्ञानवापी मंदिर को तोड़कर उस पर मस्जिद बनवाई तो उसने कभी सोचा भी नहीं होगा कि एक दिन उसके धर्म के अनुयायी उसके अपराधों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।
भले ही ज्ञानवापी मंदिर का मामला कोर्ट में चल रहा है और इस मामले को हिंदू और मुस्लिमों के बीच टकराव के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन आज मुस्लिम राष्ट्रीय मंच और मुस्लिम महिला फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में मुस्लिमों का एक समूह लखनऊ से कूच कर रहा है। काशी पहुंचने पर मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी, हिंदू मुस्लिम संवाद केंद्र की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. नजमा परवीन, अफसर बाबा, अफरोज, फिरोज ने मैदागिन चौराहे पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय सेवा प्रमुख ठाकुर राजा रईस का माल्यार्पण कर स्वागत किया।
उसे मुसलमानों के काशी विश्वनाथ के दर्शन करने की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। उसे देखने के लिए भीड़ जमा हो गई। अब तक ज्ञानवापी परिसर में स्थित औरंगजेब द्वारा जबरन बनवाई गई मस्जिद में मुसलमान नमाज पढ़ने और अपनी ताकत का प्रदर्शन करने जाते थे, लेकिन आज परिदृश्य बदल गया था। ठाकुर राजा रईस और राम भक्त नाज़नीन अंसारी के नेतृत्व में मुसलमानों ने हर हर महादेव और ओम नम: शिवाय के नारे लगाते हुए गेट नंबर 4 से ज्ञानवापी मंदिर में प्रवेश किया। सभी के चेहरे पर शांति की पहल की चमक थी, सभी चाहते थे कि मंदिर मुद्दे का फैसला कोर्ट के बाहर हो और दोनों वर्गों के बीच शांति स्थापित हो।
विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के बाद मुस्लिमों का समूह लमही स्थित सुभाष भवन पहुंचा और वहां सुभाष मंदिर में दर्शन किये। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय सेवा प्रमुख ठाकुर राजा रईस और विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ। राजीव श्रीगुरुजी के साथ आगे की रणनीति पर लंबी चर्चा हुई।
इस मौके पर मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने कहा कि मुगलों ने भारत की संस्कृति पर हमला किया। मन्दिरों को नष्ट किया और मूर्तियों का अपमान किया। ऐसे दागी मुगलों का विरोध ही सच्चा इस्लाम है। औरंगजेब एक क्रूर और नीच बादशाह था, जिसने काशी के ज्ञानवापी मंदिर को तोड़कर काशी को अपवित्र कर दिया था। भगवान विश्वनाथ का दर्शन कर हमने यह संदेश दिया है कि हम अपने पूर्वजों की देव संस्कृति को नहीं त्याग सकते।
भगवान शिव सबके हैं और वे हमारे भी हैं। आज का दर्शन कलह खत्म करने की दिशा में एक बड़ी पहल होगी। नाजनीन ने कहा कि अब जब सच सामने आ गया है तो आप किसका इंतजार कर रहे हैं? भारत के मुसलमान ज्ञानवापी की सच्चाई के साथ खड़े हैं। सारे सबूत मंदिर के पक्ष में हैं।
हिंदू-मुसलमानों के बीच रिश्ते सुधरें और हमारा देश शांति की ओर बढ़े। ज्ञानवापी का मसला मिल बैठकर सुलझाना चाहिए। सनातन संस्कृति का ध्वज जितना ऊंचा उठेगा, उतना ही विश्व शांति की ओर बढ़ेगा। ज्ञानवापी सनातनियों का केंद्र है। हम उसे कभी नहीं छोड़ सकते। राजा रईस ने कहा कि अंजुमन इंतजामिया कमेटी को कहीं और जमीन खरीदकर मस्जिद बनानी चाहिए। आज सच का साथ देने का समय है।
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