India News (इंडिया न्यूज़), MANOJ CHATURVEDI, Maharajganj News: जनपद में जेल के अंधेरे में दिन काट रहे बंदी लोगों के आसपास रोशनी के इंतजाम में जुटे हैं। जिला कारागार में अब तक सौ से अधिक बल्ब कैदियों द्वारा बनाए जा चुके हैं। जिला जेल में कौशल विकास मिशन के तहत एक संस्था इन्हें एलईडी बल्ब बनाने का प्रशिक्षण दे रही है। इसके लिए जेल प्रशासन ने तीन घंटे समय निर्धारित किया है जिसमें बंदी लगातार दक्ष हो रहे हैं। जिला जेल में कई तरह के अपराधी मौजूद हैं। कई अपराधी प्रशासनिक के आधार पर आए हुए है। उन्हें जेल प्रशासन द्वारा एलईडी बल्ब बनाने को प्रशिक्षण दी जा रही है। कौशल विकास मिशन के तहत बंदियों को यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जिला जेल में प्रशिक्षण के लिए एक बैरक में वर्कशॉप भी खोल दिया गया है। उस वर्कशॉप में कैदी को बल्ब बनाने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। कैदी अब तक सौ से अधिक बल्ब बना लिए है। यहां बैठकर बंदी एलईडी बल्ब बनाने का कार्य कर रहे हैं। जेल अधीक्षक प्रभात सिंह ने बताया कि कौशल विकास के सहयोग से 109 कैदियों का एक बैच तैयार किया गया है जिसके तहत बल्ब बनाना सिखाया जा रहा है और कैदी एलईडी बल्ब बनाना सीख रहे हैं। मुख्य उद्देश है कि समाज में इनको मुख्यधारा में लाना तथा उनको बाहर जाकर यह महसूस ना हो की रोजगार की समस्या हो रही हो इसके अंतर्गत हम वन जेल वन प्रोजेक्ट के तहत एलईडी बल्ब को चयनित किए हैं।
बंदी इसके तहत प्रशिक्षण सीख रहे हैं कैदी लगभग डेढ़ सौ बल्ब बना चुके हैं। खराब पड़े बल्ब को बना रहे हैं जो हमारे कारागार में यूज़ किया जाएगा भविष्य ट्रेनिंग के बाद हम इस पर विचार करेंगे की मार्केट में उतारा जाए। वही जिला कारागार में बंद कैदी ऋषिकेश ने बताया कि वह 302 के जुर्म में जेल आया है जो कौशल विकास मिशन के तहत मुझे रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सिखाया जा रहा है। अपनी सजा काटने के बाद अपराध से हम बाहर रहेंगे और अपनी मुख्यधारा से जुड़े जिससे मेरा जीवन यापन हो पाए।
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