फैजा ने ईरान में कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ली है, जबकि दिवाकर ने एलआईयू को दस्तावेज सौंप दिए हैं। भारतीय कानूनी प्रक्रिया पूरी होते ही दोनों की शादी हो जाएगी। दिवाकर ने कहा, तीन साल पहले फैज़ा और मैं इंस्टाग्राम के जरिए संपर्क में आए। शुरुआत में हम दोनों एक-दूसरे के देशों के बारे में बात करते थे और फिर हमारी बातचीत में प्यार शामिल होने लगा।
दोनों के लिए वह अविस्मरणीय क्षण था जब दिवाकर ईरान गए और वहां की संस्कृति से परिचित हुए। वह फैजा को अपने परिवार के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने का श्रेय देते हैं। फैजा के पिता अखरोट की खेती करते थे, इसके बावजूद वह अपनी बेटी की सगाई में उसके प्यार के साथ भाग लेने के लिए उत्सुक थे। इस खास मौके पर उनकी इच्छा अयोध्या और ताज महल देखने की है।
दिवाकर ने बताया कि वह खासतौर पर भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिक स्थलों का अध्ययन करना चाहते हैं। इस रोमांचक यात्रा के बाद फैज़ा और दिवाकर अपनी यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं, जो उन्हें अयोध्या के अनोखे रोमांच से भी रूबरू कराएगी।
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